मुख्यमंत्री कमलनाथ ने रविवार को यहां कहा कि संसद में दूसरे सांसद मतदाताओं का वोट लेकर आते हैं, जबकि मैं (कमलनाथ) सिर्फ वोट लेकर नहीं, बल्कि अपने क्षेत्र के मतदाताओं का प्यार और विश्वास लेकर संसद में बैठता हूं। मुख्यमंत्री बनने के बाद कमलनाथ रविवार को पहली बार छिंदवाड़ा पहुंचे। उन्होंने रोड शो के बाद जनसभा को संबोधित किया। वह इस दौरान कई बार भाव-विह्वल हो गए।
कमलनाथ ने छिंदवाड़ा से अपने रिश्ते को याद करते हुए कहा, ‘संसद में जब मैं बैठता हूं, तो दूसरे सांसदों की ओर देखता हूं कि वे लोगों के वोट लेकर आए हैं। मैं केवल वोट लेकर नहीं आता, बल्कि प्यार और विश्वास लेकर संसद में बैठता हूं।’ अपनी बात को आगे बढ़ाते हुए कमलनाथ ने कहा कि वह आज जहां हैं, वहां तक पहुंचाने का छिंदवाड़ा के हर नागरिक को श्रेय जाता है। उन्होंने कहा कि 40 साल पहले का छिंदवाड़ा कुछ और था, और आज का कुछ और है।
छिंदवाड़ा की अपनी पहचान है। कमलनाथ ने बीते 38 सालों में छिंदवाड़ा में हुए विकास कार्यो का ब्यौरा दिया और कहा, ‘यहां के नौजवानों ने वह छिंदवाड़ा नहीं देखा, जहां एक भी रेल नहीं आती थी, पातालकोट में तीन घंटे पैदल चलने पर ही नीचे पहुंच पाते थे। वहां के निवासी पहले सिर्फ नमक लेने बाहर आते थे।
उन्हें दुनिया से कोई मतलब नहीं था। आम की गुठली से आटा बनाते थे, महुआ के फूल की शराब पीते थे। उनके तन पर जरूरी कपड़े नहीं हुआ करते थे, मगर अब वे जीन्स पहनने लगे हैं। जीप आती थी तो उसे देखने भागते थे, अब जीप आने पर उन्हें धूल का डर सताता है। इतना बदलाव आ गया है यहां।’ कमलनाथ ने छिंदवाड़ा के युवाओं को प्रशिक्षित और हुनरमंद बनाने के लिए किए गए प्रयासों का जिक्र करते हुए कहा, ‘छिंदवाड़ा में जितने स्किल सेंटर है, उतने दुनिया के किसी भी जिले में नहीं हैं।’
from Punjab Kesari (पंजाब केसरी) http://bit.ly/2ETCku0
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