बोलने की आजादी पर प्रतिबंध लगाने के आरोप के बाद फेसबुक पिछले हफ्ते एक ईसाई मत प्रचारक को सोशल नेटवर्किं ग साइट पर एक दिन के लिए प्रतिबंधित करने के लिए माफी मांगेगा। शार्लेट ऑब्जर्वर की शनिवार की रपट के अनुसार, फ्रैंकलिन ग्राहम को उनके एक 2016 के पोस्ट को फेसबुक ने फिर से जारी कर दिया है।
ग्राहम ने कहा था कि उसे नार्थ कैरोलिना के हाउस बिल 2 से संबंधित पोस्ट के लिए प्रतिबंधित कर दिया गया था। इस बिल को बाथरूम बिल के रूप में भी जाना जाता है। फेसबुक ने कहा था कि यह पोस्ट ‘नफरत फैलाने वाली भाषा पर फेसबुक के सामुदायिक मानक’ के विरुद्ध था।अपने 2016 के पोस्ट में, ग्राहम ने गायक-गीतकार ब्रुस स्प्रिंग्सटीन को हाउस बिल 2 की वजह से नार्थ कैरोलिना कंसर्ट रद्द करने को लेकर निशाना साधा था।
ग्राहम ने स्प्रिंग्सटीन को संदर्भित करते हुए अपने 2016 के पोस्ट में कहा था, ‘वह कहते हैं कि महिलाओं के रेस्टरूमों और लॉकर रूमों को इस्तेमाल करने से पुरुषों को रोकने वाला एनसी कानून हैशटैग एचबी2 ‘आगे बढ़ने के स्थान पर पीछे’ की ओर ले जा रहा है।’ उन्होंने कहा था, ‘अच्छा, ईमानदारी से, हमें पीछे जाने की जरूरत है। भगवान के पास जाने की जरूरत है।
उनके आदेशों को आदर देने और मानने के लिए पीछे जाने की जरूरत है।’ फेसबुक के एक प्रवक्ता ने शार्लेट के पर्यवेक्षक को बताया कि सोशल नेटवर्क ग्राहम के फेसबुक एक नोट के जरिए माफी मांगेगा। प्रवक्ता के अनुसार, फेसबुक कंटेंट टीम के एक सदस्य ने गलती से इस पोस्ट को सोशल मीडिया की नीति का उल्लंघन मान कर इसपर प्रतिबंध लगा दिया था। ग्राहम ने शुक्रवार को अपने फेसबुक पोस्ट में सोशल नेटवर्किं ग साइट पर ‘सच्चाई को छुपाने’ और ‘बोलने की आजादी पर प्रतिबंध’ लगाने का आरोप लगाया था।
from Punjab Kesari (पंजाब केसरी) http://bit.ly/2s0SUzF
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