दिल्ली हाई कोर्ट द्वारा 1984 के सिख विरोधी दंगा मामले में दोषी ठहराए जाने के बाद पूर्व विधायक कृष्ण खोखर और महेन्द्र यादव ने सोमवार को दिल्ली की एक अदालत में आत्मसमर्पण कर दिया। दोनों को 10 – 10 साल जेल की सजा सुनाई गई है। दोनों उसी मामले में दोषी ठहराए गए हैं जिसमें पूर्व कांग्रेस नेता, 73 वर्षीय सज्जन कुमार को दिल्ली उच्च न्यायालय ने 17 दिसंबर को ताउम्र कैद की सजा सुनाई थी।
अदालत ने कृष्ण खोखर और महेन्द्र यादव का आत्मसमर्पण का अनुरोध स्वीकार कर लिया था। इसके बाद उन्होंने मेट्रोपोलिटन मजिस्ट्रेट अदिती गर्ग के समक्ष आत्मसमर्पण किया। वही, सज्जन कुमार दोपहर बाद तक आत्मसमर्पण कर सकते हैं।
दिल्ली उच्च न्यायालय ने 17 दिसम्बर को मामले में फैसला सुनाते हुए इन्हें 31 दिसम्बर तक आत्मसमर्पण करने का समय दिया था। उच्च न्यायालय ने पूर्व पार्षद बलवान खोखर, नौसेना के सेवानिवृत्त अधिकारी कैप्टन भागमल और गिरधारी लाल को भी इस मामले में दोषी ठहराया था।
1984 सिख विरोधी दंगों के आरोपी सज्जन कुमार आज कर सकते हैं सरेंडर
यह मामला 1984 में हुए दंगों के दौरान एक-दो नवम्बर को दक्षिण पश्चिम दिल्ली की पालम कॉलोनी में राज नगर पार्ट-1 क्षेत्र में पांच सिखों को मार डालने और राज नगर पार्ट-2 में एक गुरुद्वारे में आगे लगाने से जुड़ा है। तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी की 31 अक्टूबर, 1984 को उनके सिख अंगरक्षकों द्वारा हत्या किए जाने के बाद दिल्ली सहित देश के कई हिस्सों में सिख विरोधी दंगे भड़क गए थे।
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