आज हम आपको दुनिया की सबसे बड़ी तोप के बारे में बताने जा रहे है जिसके बारे जानकर आप भी रह जायेगे दंग ! जी हाँ , वैसे तो देश और दुनिया में कई तरह के किस्से बेहद मशहूर रहे जिनके किस्से और कहानी इतिहास की किताबों में सुनने को मिल ही जाते है अगर बात राजस्थान को लेकर करें तो राजस्थान में कई तरह के राजा-महाराजाओं को शासन रहा है।
हमारे इतिहास के पन्नों में उनकी विरासत से जुड़ें कई किस्सें सुनने को मिल मिले है। राजस्थान के ये राजा-महाराजा पूरी शान शौकत से अपने जीवन को जीते हुए दिखें है। जिनके कई साक्ष्य हमे खुदाई के दौरान भी मिलें है। शानो- शौकत के लिए चर्चा में रहे ये राजा महाराजा उतना ही उनके अस्त्रों और शस्त्रों की वजह से फेमस रहे है फिर चाहे बात महाराणा प्रताप की तलवार की हो या फिर कभी टीपू सुल्तान की तोप की।
आज हम आपको राजस्थान के एक किले में स्थित एशिया की सबसे बड़ी तोप के बारे में बताने जा रहे जो केवल एक बार चली और उसके गोले से बन तालाब गया। बता दे कि इस तोप का नाम “जयबाण तोप” है। इस तोप का निर्माण “सवाई जयसिंह द्वितीय” ने करवाया था। यह तोप आज भी राजस्थान की राजधानी जयपुर के जयगढ़ किले में सुरक्षित रखी हुई है। इस तोप का निर्माण सन 1720 में हुआ था।
इसका इस्तेमाल सिर्फ एक बार ही किया गया था। इस तोप की ताकत का अंदाजा आप इसी बात से लगा सकते हैं कि पहली बार जब इसे टेस्ट फायरिंग के लिए चलाया गया था तो इसका गोला 35 किलोमीटर दूर जयपुर के “चाकसू” नामक कस्बे में गिरा था। जहां ये तोप का गोला गिरा था, वहां पर एक बड़ा तालाब बन गया था। यह तालाब आज भी मौजूद है और कस्बे वालों के लिए पानी का एक स्रोत है।
इस तोप के बारे में कहा जाता है कि इसके गोले से शहर से 35 किलोमीटर दूर एक गांव में तालाब बन गया था। आज भी यह तालाब मौजूद है और गांव के लोगों की प्यास बुझा रहा है।
इतिहास कारों के मुताबिक, अरावली की पहाडिय़ों पर बना जयगढ़ दुर्ग का निर्माण 1726 में हुआ था। विश्व की सबसे बड़ी यह तोप जयगढ़ किले के डूंगर दरवाजे पर रखी है, इसका कुल वजन 50 टन है। जयबाण तोप की नली से लेकर अंतिम छोर की लंबाई 31 फीट 3 इंच है।
जानकार कहते हैं कि 35 किलोमीटर तक मार करने वाले जयबाण तोप को एक बार फायर करने के लिए 100 किलो गन पाउडर की जरूरत होती थी। जयबाण तोप को पहली बार टेस्ट-फायरिंग के लिए चलाया गया था तो जयपुर से करीब 35 किमी दूर स्थित चाकसू नामक कस्बे में गोला गिरने से एक तालाब बन गया था।
from Punjab Kesari (पंजाब केसरी) http://bit.ly/2BQ7ZZg
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