Monday, December 31, 2018

विपक्ष ने राज्यसभा में गतिरोध के लिए सत्तापक्ष को ठहराया दोषी

संसद के शीतकालीन सत्र के दौरान राज्यसभा की कार्यवाही लगातार बाधित रहने के लिए विपक्षी दलों ने सत्तापक्ष को दोषी ठहराया है। उच्च सदन में नेता प्रतिपक्ष गुलाम नबी आजाद की अध्यक्षता में सोमवार को विपक्षी दलों के नेताओं की बैठक हुई। इसमें कार्यवाही बाधित करने को लेकर सदन में स्थिति स्पष्ट करने पर चर्चा हुई।

उल्लेखनीय है कि सरकार द्वारा उच्च सदन में पेश किए जाने वाले तीन तलाक संबंधी विधेयक पर विपक्ष की रणनीति तय करने के लिए हुई इस बैठक में तृणमूल कांग्रेस सदस्य डेरेक ओ ब्रायन, सपा के रामगोपाल यादव, राजद के मनोज झा और आप के संजय सिंह सहित अन्य दलों के नेताओं ने हिस्सा लिया।

Derek O'Brien

बैठक के बाद ब्रायन ने कहा कि शीतकालीन सत्र के शुरुआती 11 दिनों में राज्यसभा में औसतन 16 मिनट प्रतिदिन काम हुआ। उन्होंने अन्नाद्रमुक का नाम लिए बिना कहा कि बीजेपी के तमिल सहयोगी दल सदन की बैठक 11 बजे शुरु होने के दस मिनट बाद आसन के समीप जाकर नारेबाजी शुरु कर देते हैं।

ब्रायन ने सदन की बैठक दिन भर के लिए स्थगित करने पर तंज कसते हुए कहा ‘‘हंगामा शुरु होते ही सदन की बैठक दो बजे तक के लिए नहीं बल्कि दिन भर के लिए स्थगित कर दी जाती है।’’ उच्च सदन में आज शून्यकाल शुरु होते ही अन्नाद्रमुक के सदस्यों ने आसन के समक्ष आकर कावेरी मुद्दे पर नारेबाजी शुरु कर दी।

इस पर आजाद ने उपसभापति हरिवंश से अनुरोध किया ‘‘यह शोर हमारे हिस्से न डाला जाए। यह सरकार और अन्नाद्रमुक के बीच का मामला है। इसमें विपक्ष शामिल नहीं है।’’ आजाद ने कहा कि विपक्ष के सभी दल सदन की बैठक को सुचारु रूप से चलने देने के पक्षधर हैं। उन्होंने सत्तापक्ष पर सदन की कार्यवाही नहीं चलने देने का आरोप लगाया।



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