Sunday, March 31, 2019

मोदी प्रधानमंत्री से ज्यादा “प्रचार मंत्री” हैं, अपने घमंड के कारण छटपटा रहे : राहुल गांधी

कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने कहा है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का व्यवहार ‘घबराहट’ का संकेत है। साथ ही राहुल ने उन पर “असफल” अर्थव्यवस्था का संचालन करने तथा चुनावी वादों को पूरा नहीं करने को लेकर हमला बोला। राहुल गांधी ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी प्रधानमंत्री से ज्यादा “प्रचार मंत्री” हैं और “अपने घमंड के कारण छटपटा रहे हैं।”

लोकसभा चुनाव के नतीजों के बाद उनके प्रधानमंत्री बनने की संभावना पर गांधी ने कहा, “इस मुद्दे पर टिप्पणी करना मेरे लिए अहंकार की बात होगी”। उन्होंने कहा कि “जनता सर्वोपरि है और वही फैसला करेगी।” प्रधानमंत्री पर पीएमओ के जरिए मीडिया में एक खास तरह के विमर्श को बल देने का आरोप लगाते हुए उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री असल मुद्दों से मुंह नहीं मोड़ सकते।

प्रधानमंत्री पर 2014 के चुनावी वादों को पूरा नहीं करने और “विफल” अर्थव्यवस्था का संचालन करने को लेकर हमला बोलते हुए गांधी ने आरोप लगाया, “मोदी का अहंकार और सत्ता की उनकी भूख, स्वयं का बखान करने की उनकी सनक और वह भी ऐसी सनक जिसमें झूठ भरा हो और उनकी गलतफहमी कि उनके पास भारत की हर समस्या का समाधान है और इसलिए उन्हें किसी दूसरे से सलाह-मश्विरे की जरूरत नहीं है, इन्हीं वजहों से वह लड़खड़ा रहे हैं।”

rahul-modi

उनसे पूछा गया था कि लोकसभा चुनाव शुरू होने से पहले प्रधानमंत्री को उनका अंतिम संदेश क्या होगा। देश के समक्ष अहम मुद्दों पर कांग्रेस अध्यक्ष ने कहा, “बेरोजगारी, बेरोजगारी, बेरोजगारी, किसान, किसान, किसान; एक विफल अर्थव्यवस्था और मोदी का निजी भ्रष्टाचार।” उन्होंने कहा “संस्थानों की कथित बर्बादी, घृणा एवं कट्टरपंथ में बढ़ोतरी, समाज में गुस्से एवं हिंसा में प्रत्यक्ष बढ़ोतरी और अनुसूचित जाति-अनुसूचित जनजाति के अधिकारों पर हमला” जैसे कुछ अन्य मुद्दे हैं जिन पर मतदाता मतदान से पहले विचार करेंगे।

उन्होंने कहा, “2014 में मोदी की तरफ से किए गए झूठे वादे – प्रत्येक बैंक खाते में 15 लाख रुपये डालने का वादा, दो करोड़ नौकरियों के सृजन का वादा, 100 स्मार्ट शहरों का निर्माण और विदेश से 80 लाख करोड़ रुपया काला धन वापस लाने का वादा, यह सब चुनाव के मुख्य मुद्दे होंगे।”

पहली बार दो सीटों से मैदान में राहुल गांधी, अमेठी के अलावा वायनाड से भी लड़ेंगे चुनाव

पुलवामा हमले के बाद के घटनाक्रम के पश्चात जारी विमर्श की लड़ाई में भाजपा के ऊपर होने की धारणा पर कांग्रेस अध्यक्ष ने आरोप लगाया कि फोन कॉल के जरिए मीडिया पर एक “खास तरह के विमर्श” को उठाने के लिए दबाव, सीबीआई, प्रवर्तन निदेशालय की कार्रवाई की धमकियों के जरिए दबाव बनाया गया।

राहुल गांधी ने कहा, “मीडिया पर पीएमओ से निकलने वाले खास विमर्श को बढ़ावा देने का दबाव है। मीडिया में कुछ आवाजें हैं जो इस दबाव से लड़ रही हैं और मैं उनकी सराहना करता हूं।” उन्होंने कहा, “लेकिन जमीन पर विमर्श साफ है कि नरेंद्र मोदी नौकरियों के संकट, कृषि संकट से निपटने में असफल रहे और भारत की अर्थव्यवस्था को नुकसान पहुंचाया। यह विमर्श बदलने वाला नहीं है।”

राहुल डरकर केरल ‘भाग’ गए क्योंकि उन्हें डर था कि अमेठी के मतदाता उनसे जवाब मांगेंगे : शाह

राहुल ने कहा, “यह नहीं बदलने वाला, यह मूल है, यह कहीं नहीं जा रहा। हम इन मुद्दों पर और न्याय योजना, शिक्षा में जीडीपी का कुछ हिस्सा लगाना और कृषि संकट के निपटान से स्थापित किए गए सकारात्मक विमर्श पर यह चुनाव जीतने वाले हैं। ” चुनावी फंडिंग पर गांधी ने कहा कि कांग्रेस पारदर्शिता का पूर्ण समर्थन करती है लेकिन चुनावी बॉन्ड पारदर्शिता के ठीक उलट हैं।

उन्होंने आरोप लगाया, “मोदी – एक व्यक्ति जो भ्रष्टाचार से लड़ने के तख्त पर सवार होकर आया था उसने भ्रष्टाचार को बढ़ावा देने के लिए सब कुछ किया और चुनावी बॉन्ड उसी का एक प्रमुख उदाहरण है।” कांग्रेस के लिए इस बार के चुनाव कितने महत्त्वपूर्ण हैं, यह पूछने पर राहुल गांधी ने कहा, “पिछला चुनाव कुछ अलग तरह का था। इस बार के चुनाव में हम लोगों के सहयोग से अच्छा करेंगे।” कांग्रेस पिछले लोकसभा चुनावों में 44 सीटों पर सिमट गई थी।



from Punjab Kesari (पंजाब केसरी) https://ift.tt/2UjY6OZ

No comments:

Post a Comment