Saturday, March 30, 2019

ना चाहते हुए भी इतिहास की इस सबसे खूबसूरत महिला को बनाना पड़ा था वेश्या

आम्रपाली को इतिहास की सबसे सुंदर महिला कहा जाता है और इतना ही नहीं अभी तक कहा जाता है कि उनके जैसी खूबसूरत और कोई भी महिला नहीं थी। लेकिन आम्रपाली को खुद की ही खूबसूरती महंगी पड़ गई और अपनी खूबसूरती की वजह से ही उन्हें काफी ज्यादा अपमान भी सहना पड़ा है। लेकिन फिर आम्रपली की यही खूबसूरती उन्हें अन्तत में अध्यात्म के मार्ग पर ले आई।

आम्रपाली आम के पेड़ के नीचे मिलीं थी

बिहार राज्य का वैशाली जिला वो ही जगह है जहां पर भारतीय इतिहास की सबसे खूबसूरत महिला यानी आम्रपाली का जन्म हुआ था। ऐसा कहा जाता है कि आम्रपाली के असली माता-पिता के बारे में कोई जानकारी उपलब्ध नहीं है। लेकिन उनका लालन-पालन करने वाले माता-पिता को नवजात आम्रपाली एक आम के पेड़ के नीचे रखी हुई मिली थी। आम के पेड़ के नीचे मिलने की वजह से ही इनके माता-पिता ने इनका नाम आम्र आम पाली मतलब नए पत्ते इसलिए इनका नाम आम्रपाली रखा गया।

आम्रपाली से सभी राजा चाहते थे शादी करना

आम्रपाली में बेहद गजब का आकर्षण था। जब वह युवा अवस्था में आई तो राज्य का हर एक व्यक्ति उनसे शादी करना चाहता था। परिस्थिति इतनी ज्यादा खराब हो गई कि आम्रपली से शादी करने के चक्कर में राजाओं के बीच लड़ाई होनी शुरू हो गई जिससे राज्य का गणतंत्रता खतरे में पड़ सकता था। इस दुविधा से बाहर निकलने के लिए एक दिन राज्य में सभा का आयोजन किया गया। लेकिन सभा में कोई निष्कर्ष नहीं निकल पाया। ऐसे में एक ऐसा फैसला सुना दिया गया जिससे आम्रपाली की जिंदगी बिल्कुल नर्क के समान हो गई। आम्रपाली को नगरवधू अर्थात वेश्या घोषित कर दिय गया। जहां उसे हर कोई राजा और धनाड्य व्यक्ति भोग सकता था।

आम्रपाली को न चाहते हुए भी बनना पड़ा वेश्या

आम्रपाली को न चाहते हुए भी वैशाली की नगरवधू बनकर रहने के लिए मजबूर थी। उस वक्त राजगृह जाते या वहां से वापस आते समय भगवान बुद्घ वैशाली ठहरा करते थे। एक दिन की बात है जब भगवान बुद्घ के एक शिष्य आम्रपाली के द्वारा पर भिक्षा मांगने आए। आम्रपली आजतक सिर्फ युवराजों और राजकुमारों को ही देखती थी ये आम्रपाली के लिए ऐसा समय था जब उन्होंने एक साधारण इंसान को देखा था। वह भिक्षुक को अंदर ले गई और उनका पूरा आदर-सत्कार किया और बताय कि 3-4 दिन बाद वर्षा ऋतु शुरू होने वाली है तब आप मेरे महल में रह लेना।

यह सुन गुस्सा हो गए बुद्ध के शिष्य

आम्रपाली की बता सुनकर उनके अन्य शिष्य को काफी ज्यादा बुरा लगा। उन्होंने उस शिष्य के पहुंचने से पहले ही महात्मा बुद्घ के पास जाकर उनको सारी बाते बोल दी। इस पर महात्मा बोल क्या हुआ अगर वह एक नगरवधू के घर चला गया और वर्षा ऋतु में सारे ही शिष्य किसी न किसी के घर निवास करेंगे। आने तो दो उसे अभी मैंने उसे वहां रहने की अनुमति नहीं दी है। बुद्घ के ये बात कहने पर तब शिष्य वहां पहुंचा और भगवान बुद्घ के चरणों में बैठते हुए सारा प्रकरण उन्हें सुनाया।

अपने शिष्य को बुद्ध ने नगरवधू के घर रहने भेज दिया

इस बात पर बुद्घ बोले तुम वहां रह सकते हो वर्षा के दिनों में सभी को किसी न किसी के घर में तो शरण लेनी है। अत:मुझे तुम्हारे आम्रपली के घर में रहने में कोई परेशानी नहीं है। बुद्घ की ऐसी बात सुनकर वहां मौजूद सभी शिष्य चौंक गए। शिष्यों ने बुद्घ के आगे आपत्ति जताई और बोला कि वह वेश्या है। अगर वह आपके शिष्य को अपने मोह में बांध लेगी तो उसका धम्म नष्टï हो जाएगा। इस पर बुद्घ ने कहा कि वह मेरा शिष्य है और मुझे पूरा विश्वास है।

आम्रपाली के साथ वापस आया शिष्य

वर्षा ऋतु बंद होने के बाद भिक्षुक बुद्घ के पास वापस लौट आया उसके साथ आम्रपाली भी थी। भगवान बुद्घ के चरणों में आम्रपाली प्रणाम करते हुए बोली मुझे भी अपनी शरण में ले लीजिए। मैंने आपके भिक्षु को अपनी ओर खीचनें का हर एक कोशिश की लेकिन में सफल नहीं हो पाई। उसके आचरण से मुझे पूरा विश्वास हो गया कि आपके चरणों में ही सत्य और मुक्ति का मार्ग है। मैं अपनी सारी संपदा भिक्षु संघ के लिए दान देना चाहती हूं तथा आपसे अपने लिए भिक्षुणी संघ में स्थान मांगती हूं। 

आम्रपाली महात्मा बुद्ध की शरण में आ गयी

आम्रपाली के समर्पण के बाद भगवान बुद्घ ने उसे अपनी शिष्या बना लिया। बता दें कि बौद्घ धम्म के भिक्षु संघ में आने वाली आम्रपाली पहली महिला थी। उनके भिक्षुणी बनने के बाद ही बाकी महिलाओं को भी बुद्घ के चरणों में आने का रास्ता मिला।



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