नई दिल्ली : केन्द्र और राज्यों के बीच नवंबर माह में एकीकृत माल एवं सेवा कर (आईजीएसटी) मद में पड़े 33,000 करोड़ रुपये का बंटवारा किया गया। वित्त मंत्रालय के एक अधिकारी ने कहा कि राज्यों की हिस्सेदारी 16,000 करोड़ रुपये से अधिक रही है। इस राशि के विभाजन से केंद्र तथा राज्य दोनों का माल एवं सेवा कर (जीएसटी) राजस्व बढ़ेगा।
नवंबर माह में कुल राजस्व संग्रह का आंकड़ा शनिवार को जारी किया जाएगा। कुल मिलाकर अब तक छह बार आईजीएसटी राशि का बंटवारा किया जा चुका है। अक्तूबर महीने में 32,000 करोड़ रुपये, सितंबर में 29,000 करोड़ रुपये, अगस्त में 12,000 करोड़ रुपये, जून में 50,000 करोड़ रुपये तथा फरवरी में 35,000 करोड़ रुपये बांटे गये।
आईजीएसटी मद में जब भी ठीक-ठाक राशि एकत्रित हो जाती है, उसे केंद्र तथा राज्यों के बीच बांट दिया जाता है ताकि राशि केंद्र के पास निष्क्रिय नहीं पड़ी रहे। इस महीने 32,000 करोड़ रुपये बांटे गये। जीएसटी के तहत वस्तुओं की खपत या सेवा पर लगने वाले कर से प्राप्त राशि को केंद्र एवं राज्यों के बीच 50:50 के अनुपात में बांटा जाता है।
इसे केंद्रीय जीएसटी और राज्य जीएसटी के रूप में जाना जाता है। माल के अंतरराज्यीय परिवहन और आयात पर आईजीएसटी लगाया जाता है। यह राशि केन्द्र सरकार के पास जमा होती है। इन करों के ऊपर नुकसानदायक और विलासिता वाले सामान पर उपकर भी लगाया जाता है। उपकर के रूप में संग्रहित कोष को राज्यों को होने वाले संभावित राजस्व नुकसान की भरपाई के लिये दिया जाता है।
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