Saturday, December 1, 2018

अक्टूबर में ही पार हुआ पूरे वित्त वर्ष के राजकोषीय घाटे का लक्ष्य

नई दिल्ली : राजस्व संग्रह गिरने के कारण चालू वित्त वर्ष के लिये बजट में तय लक्ष्य अक्टूबर महीने के अंत तक में ही पार हो गया। सरकार द्वारा शुक्रवार को जारी आंकड़ों में इसकी जानकारी मिली। यह लोक वित्त की स्थिति में गिरावट आने का संकेत है। सरकार ने इस साल बजट में पूरे वित्त वर्ष के लिये 6.24 लाख करोड़ रुपये के राजकोषीय घाटा का लक्ष्य तय किया था।

अक्टूबर अंत तक यह घाटा 6.48 लाख करोड़ रुपये पर पहुंच गया। यह बजट आकलन का 103.90 प्रतिशत है। पिछले वित्त वर्ष में अक्टूबर के अंत तक राजकोषीय घाटा बजट अनुमान का 96.1 प्रतिशत रहा था। महालेखा नियंत्रक द्वारा जारी आंकड़ों के अनुसार, चालू वित्त वर्ष की अप्रैल-अक्टूबर अवधि के दौरान सरकार का राजस्व संग्रह 7.88 लाख करोड़ रुपये रहा।

यह राजस्व संग्रह के बजट अनुमान का 45.7 प्रतिशत है। सरकार ने बजट में चालू वित्त वर्ष के लिये 17.25 लाख करोड़ रुपये राजस्व संग्रह का अनुमान रखा है। पिछले वित्त वर्ष की इसी अवधि में राजस्व संग्रह बजट अनुमान का 48.1 प्रतिशत रहा था। इस दौरान कर से प्राप्त राजस्व बजट अनुमान का 44.7 प्रतिशत रहा जो पिछले वित्त वर्ष में 51.6 प्रतिशत था।

आंकड़ों के अनुसार, इस दौरान सरकार का कुल खर्च 14.56 लाख करोड़ रुपये यानी बजट अनुमान का 59.6 प्रतिशत रहा। महालेखा नियंत्रक ने कहा कि मासिक खातों में दिखाई पड़ने वाला राजकोषीय घाटा पूरे वित्त वर्ष के राजकोषीय घाटे का संकेतक नहीं होता है। मासिक खातों पर गैर-ऋण प्राप्तियों और खर्च में तात्कालिक मेल नहीं होने का प्रभाव पड़ता है। वित्त वर्ष के अंत तक इसकी भरपाई संभव है।



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