कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने आरोप लगाया कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सर्जिकल स्ट्राइक जैसे ‘सैन्य फैसले’ को भी ‘राजनीतिक संपत्ति’ बना दिया है। साथ ही उन्होंने नोटबंदी को ऐसा घोटाला बताया जिसका उद्देश्य छोटे कारोबारियों और दुकानों की रीढ़ तोड़ना था।
कांग्रेस अध्यक्ष ने शनिवार को उदयपुर में एक संवाद कार्यक्रम में बैंकों की ‘गैर निष्पादित आस्तियों’ (एनपीए) को लेकर भी मोदी सरकार पर निशाना साधा। बता दें कि राजस्थान में 7 दिसंबर को होने वाले विधान सभा चुनाव के मद्देनजर राहुल आज राज्य के दौरे पर है।
उन्होंने कहा, “संप्रग सरकार ने जब मोदी जी को सरकार सौंपी तब एनपीए दो लाख करोड़ रुपये था जो चार साल में बढ़कर 12 लाख करोड़ रुपये हो गया।” उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर सर्जिकल स्ट्राइक को राजनीति ‘मुद्दा’ बनाने का आरोप लगाया और कहा, “प्रधानमंत्री ने सेना के अधिकार क्षेत्र (डोमेन) में घुसते हुए उनकी सर्जिकल स्ट्राइक को राजनीतिक आस्ति (एसेट) में बदल दिया जबकि वास्तव में यह एक सैन्य फैसला था।”
उन्होंने कहा कि उत्तर प्रदेश के चुनावों में हार सामने दिखी तो मोदी ने एक ‘सैन्य फैसले को राजनीतिक संपत्ति’ में बदल दिया। उन्होंने कहा,”नरेंद्र मोदी सरकार जैसी सर्जिकल स्ट्राइक मनमोहन सरकार ने भी तीन बार की। क्या आपको पता है?”
राहुल ने कहा कि नोटबंदी और जीएसटी को लेकर हिंदुस्तान की जनता भ्रमित है। उन्होंने कहा,”नोटबंदी एक घोटाला था और इसका लक्ष्य सूक्ष्म व लघु कारोबार की, दुकानदारों की रीढ तोड़ना था क्योंकि इससे बड़ी कंपनियों के लिए रास्ते खुल जाएंगे।”
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपने सभी वादे तोड़ दिए : राहुल
राहुल ने कहा, “प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी समझते हैं कि दुनिया का पूरा ज्ञान उनके ही दिमाग से निकलता है और बाकी लोगों को कुछ नहीं मालूम।” उन्होंने कहा कि अगर हिंदुस्तान में 10-15 साल सही सरकार आई तो हम चीन को पछाड़ देंगे।
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