नई दिल्ली : मद्रास हाई कोर्ट ने बुधवार को नैशनल हाइवे अथॉरिटी ऑफ इंडिया (एनएचएआई) को एक सख्त संदेश देते हुए कहा है कि उसे अपने सभी टोल प्लाजा पर वीआईपी और मौजूदा जजों के लिए एक अलग से एक्सक्लूसिव लेन बनाए, अगर वह ऐसा नहीं कर पाता है तो उसे कोर्ट की अवमानना की कार्यवाही के लिए तैयार रहना चाहिए।
कोर्ट ने कहा, ‘यह बहुत ही दुखद बात है कि वीवीआईपी और वर्तमान जजों की गाड़ियों को टोल प्लाजा पर रोका जाता है। यह दुर्भाग्य की बात है कि वर्तमान जजों को टोल प्लाज पर 10-15 मिनट का इंतजार करना पड़ता है।’ जस्टिस हुलुवाडी जी रमेशा और एमवी मुरलीधरन की बेंच ने एनएचएआई को एक अंतरिम आदेश पारित करते हुए सभी टोल प्लाजा को सर्कुलर जारी कर दिया है।
कोर्ट ने इस मामले में एनएचएआई को उसके सभी टोल प्लाजा लागू करने का आदेश देते हुए कहा है कि अगर इसे गंभीरता से नहीं लिया जाएगा तो कारण बताओ नोटिस जारी किया जाएगा। हाईकोर्ट बेंच ने केंद्र और एनएचएआई से कहा कि वे इस मामले में सर्कुलर जारी करें।
जज ने कहा, एक सर्कुलर प्रत्येक टोल कलेक्टर के लिए जारी किया जा सकता है, इसमें उन्हें इस तरह की वीआईपी लेन तैयार करने के लिए कहा जाए। ये टोल कलेक्टर की जिम्मेदारी होगी कि वह उस लेन से वीआईपी और जज के अलावा किसी और को गुजरने न दें। जो भी इस नियम का उल्लंघन करे, टोल कलेक्टर उसके खिलाफ सख्त कार्रवाई करे। डिवीजन बैंच ने कहा, अलग लेन न होने से हर टोल प्लाजा पर सिटिंग जज और वीआईपी को बिना किसी कारण के शर्मिंदगी उठानी पड़ती रहेगी। कोर्ट टोल प्लाजा से संबंधित याचिकाओं की सुनवाई कर रही थी।
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