पश्चिमी दिल्ली : शिक्षा व्यवस्था में किए गए कार्यों का बखान दिल्ली सरकार करने से नहीं चुकती है। स्कूलों की नई बिल्डिंगों को वर्ल्ड क्लास की बताया जाता है। लेकिन सरकार के इन सभी दावों की पोल बुधवार को उस समय खुल गई जब दिल्ली सरकार के एक स्कूल बिल्डिंग की छत से प्लास्टर गिर पड़ा। घटना के समय क्लास चल रही थी। इस घटना में एक महिला शिक्षक बुरी तरह से घायल हो गईं। पूरी घटना हरिनगर क्लॉक टावर स्थित राजकीय सर्वोदय कन्या विद्यालय की है। बुधवार को बाकी दिनों की तरह ही दसवीं की क्लास चल रही थी। इसी बीच छत से प्लास्टर नीचे आ गिरा। जिससे पूरी क्लास में हलचल मच गई।
महिला शिक्षका ममता शर्मा इस घटना में बुरी तरह से घायल हो गईं। आनन-फानन में उन्हें अस्पताल ले जाया गया। जानकारी के मुताबिक उनके नाक की हड्डी टूट गई। साथ ही 50 से भी अधिक टांके लगाए गए हैं। वह अभी भी पश्चिम विहार स्थित एक प्राइवेट अस्पताल में भर्ती हैं। जानकारी के मुताबिक शर्मा ने दो साल पहले ही नौकरी प्राप्त की थी और वह इस स्कूल में संस्कृत भाषा की शिक्षक हैं। सूत्रों के मुताबिक स्कूल की बिल्डिंग पुरानी है और इसकी दीवारें भी जर्जर हो चुकी हैं। इस संबंध में स्कूल प्रशासन को भी जानकारी थी। हाल ही में इसी कक्षा की छत के एक हिस्से को रिपेयर भी किया गया था।
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इस संबंध में जीएसटीए के प्रेस सचिव डॉ. तपेश्वर महतो का कहना है कि इस घटना के लिए जिम्मेदारी तय होनी चाहिए। सरकार को भी जांच करानी चाहिए कि आखिर कैसे छात्र और शिक्षक जान पर खेल कर पढ़-पढ़ा रहे हैं। जीएसटीए की मांग है कि जब तक इलाज चले, उनकी सैलरी न काटी जाए। इसके साथ ही जीएसटीए ने घायल महिला शिक्षक के लिए मुआवजे की भी मांग उठाई है। वहीं, जीएसटीए सदस्य कृष्ण कुमार फोगाट का कहना है कि इस तरह की घटनाएं शिक्षकों के साथ नहीं होनी चाहिए। हमने इस संबंध में विभाग के अधिकारियों को भी सूचित किया है। स्कूलों के बुरे हाल हैं, उस पर गंभीरता से ध्यान दिया जाना चाहिए।
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