देहरादून : सूबे में नगर निकाय चुनावों को लेकर एक बार फिर संकट के बादल छा गए हैं। राज्य सरकार हाईकोर्ट के फैसले के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट जाने की तैयारी कर रही है। बता दें कि बुधवार को सुनवाई के दौरान हाई कोर्ट ने देहरादून नगर निगम के शामिल किए गए 60 गांवों के नोटिफिकेशन को निरस्त कर दिया था। सरकार ने उत्तराखंड के सभी नगर निकायों का सीमा विस्तार किया था, जिसमें कई गांवों को शामिल किया गया था। देहरादून नगर निगम में भी सरकार ने 60 गांवों को शामिल करने का प्रस्ताव रखा था।
सरकार के इस फैसले के खिलाफ कुलविंदर सिंह बोरा ने हाई कोर्ट में एक याचिका दायर की थी। याचिका पर सुनवाई करते हुये कोर्ट ने त्रिवेंद्र सरकार के इस फैसले पर रोक लगा दी है। हाई कोर्ट के फैसले के खिलाफ अब राज्य सरकार सुप्रीम कोर्ट जाने का मन बना रही है,इन हालतों में अब जल्द ही नगर निकाय चुनाव होने के आसार नजर नहीं आ रहे हैं। बीजेपी के प्रदेश प्रवक्ता वीरेंद्र बिष्ट का कहना है कि हाई कोर्ट के इस फैसले के खिलाफ सरकार सुप्रीम कोर्ट जाएगी। बिष्ट ने दावा किया कि सरकार ने गांव के विकास के लिए उन्हें नगर निगम में शामिल कराया था और इसी विकास को लेकर वह सुप्रीम कोर्ट तक जाएंगे और ग्रामीणों को दिया गया अपना वादा निभाएंगे।
निकाय चुनाव तैयारियों में जुटने का संकल्प
हाई कोर्ट ने इस फैसले से जहां कांग्रेस खुश नजर आ रही है तो वहीं उसे बीजेपी पर हमला करने का एक मौका भी मिल गया है। उधर दूसरी तरफ कांग्रेस के राष्ट्रीय प्रवक्ता मनीष तिवारी ने देहरादून में कहा कि कांग्रेस पहले ही सरकार के इस फैसले को विरोध कर रही थी लेकिन अब खुद सरकार को इसमें मुंह की खानी पड़ी है। राज्य सरकार ग्राम पंचायतों को खत्म करना चाहती है, लेकिन कांग्रेस किसी भी कीमत पर ऐसा होने नहीं देगी।
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