Friday, August 31, 2018

पिछले 4 वर्षों में शासन की व्यवस्था में बड़ा परिवर्तन किया : मनोहर लाल

पंचकूला : पढी-लिखी पंचायतें देकर देश के समक्ष उदाहरण प्रस्तुत करने के बाद हरियाणा ने पंचायती राज संस्थानों को शक्तियों का विक्रेंद्रिकरण करने की दिशा में पहल करते हुए अंतर्राजीय परिषद की तर्ज पर अंतर जिला परिषद का न केवल गठन किया बल्कि उसकी पहली बैठक आज पंचकूला में आयोजित कर जन प्रतिनिधियों से मुख्यमंत्री सहित हरियाणा सरकार के अन्य मंत्रियों व वरिष्ठ अधिकारियों ने सीधा संवाद कर उनसे ओपन हाउस में सुझाव आमंत्रित किए। हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने अंतर जिला परिषद की बैठक की विधिवत रूप से शुरूआत करते हुए कहा कि लोकतंत्र शासन प्रणाली में आज का दिन ऐतिहासिक है। उन्होंने कहा कि हरियाणा गठन को लगभग 52 वर्ष हो गए हैं।

जिस भावना से वर्ष 2014 में हरियाणा के लोगों ने भारतीय जनता पार्टी को पूर्ण बहुमत के साथ सत्ता सौंप कर राज पलटा था, हमने पिछले चार वर्षों में शासन की व्यवस्था में बड़ा परिवर्तन किया है जिसका बड़ा उदाहरण आज की यह अंतर जिला परिषद की बैठक है। उन्होंने कहा कि देश 1947 में आजाद हुआ परंतु 26 जनवरी 1950 को गणतंत्र राज्य बना और हमें अपना संविधान मिला। उस समय संविधान निर्माताओं ने पंचायती राज संस्थानों के सुदृढीकरण की बात कही थी परंतु उस और ध्यान नहीं दिया गया। वर्ष 1993-94 में संविधान में संशोधन किया गया था परंतु उस पर भी हरियाणा आगे नहीं बढा।

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आज हमने सत्ता का विकेन्द्रीकरण कर शक्तियां शहरी व ग्रामीण स्तर की पंचायती राज संस्थानों को सौंप कर महात्मा गांधी के ग्राम स्वराज के सपने को साकार किया। उन्होंने कहा कि अब से पहले पंचायती राज की शक्तियां राज्य सरकार के पास रहती थी परंतु आज हमने कुछ विभागों के कार्य लोकतंत्र की छोटी सरकारों को सौंपने का निर्णय लिया हैं। उन्होंने कहा कि पढी-लिखी पंचायत देने के लिए सर्वोच्च न्यायालय तक सरकार ने लड़ाई लड़ी और 45 दिन तक सर्वोच्च न्यायालय में सुनवाई के बाद न्यायालय ने हरियाणा सरकार के फैसले को सही ठहराया और अन्य राज्यों को इसका अनुसरण करने को कहा।

(आहूजा)



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