नई दिल्ली : विदेशी बाजार में तेजी के चलते सरकार देश में उत्पादित प्राकृतिक गैस के दाम अक्तूबर से 14 प्रतिशत से अधिक बढ़ा सकती है। इस कदम से जहां खुदरा सीएनजी महंगी हो सकती है वहीं बिजली और यूरिया उत्पादन की लागत भी बढ़ेगी। जानकार सूत्रों ने कहा कि प्राकृतिक गैस के ज्यादातर घरेलू उत्पादकों को अभी 3.06 डॉलर प्रति इकाई (एमएमबीटीयू) का मूल्य मिल रहा है। अक्तूबर में इसमें यह करीब 14 प्रतिशत बढ़ाकर 3.5 डॉलर प्रति इकाई किया जा सकता है।
उत्पादकों को मिलने वाले प्राकृतिक गैस के भाव की छमाही समीक्षा की जाती है और नए भाव गैस अधिशेष वाले देशों अमेरिका, रूस और कनाडा के केंद्रों पर प्रचलित मूल्यों के औसत पर आधारित होते हैं। सूत्रों ने कहा कि संशोधित कीमतों की घोषणा 28 सितंबर को की जा सकती है। भारत अपनी खपत की 50 प्रतिशत गैस आयात करता है जो गैस घरेलू गैस के दो गुना दाम की पड़ती है। घरेलू गैस की नयी दर अगामी पहली अक्तूबर से छह महीने के लिए होगी। यह अक्तूबर, 2015 से मार्च, 2016 की अवधि के भवों के बाद सबसे ऊंची दर होगी।
सालाना 1000 करोड़ की बिजली चोरी
उस दौरान भाव 3.82 डॉलर प्रति इकाई था। प्राकृतिक गैस के दाम बढ़ने से तेल एवं प्राकृतिक गैस निगम (ओएनजीसी) और रिलायंस इंडस्ट्रीज की आमदनी बढ़ेगी। हालांकि इससे सीएनजी के दाम भी बढ़ जाएंगे। साथ ही इससे यूरिया और बिजली उत्पादन की लागत में भी इजाफा होगा। इससे पहले अप्रैल-सितंबर, 2018 के लिए प्राकृतिक गैस का दाम बढ़ाकर 3.06 डॉलर प्रति इकाई किया गया था।
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