प्रख्यात लेखक एवं महात्मा गांधी के परपोते तुषार गांधी ने मंगलवार को कहा कि दुनिया या देश में सामाजिक संघर्ष तब तक समाप्त नहीं हो सकता, जब तक इस तरह का विवाद पैदा करने वाली निहित स्वार्थी शक्तियां मौजूद हैं। अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय में एक राष्ट्रीय सेमिनार में तुषार गांधी ने कहा कि जब तक सैन्य और शस्त्र उद्योग विश्व के मसलों पर हावी हैं, तब तक दुनिया में शांति नहीं हो सकती।
तुषार गांधी ने कहा कि अगर दुनिया में शांति हो जाए तो शस्त्र उद्योग ढह जाएगा। शस्त्र निर्माताओं के लालच की कीमत आम आदमी को चुकानी पड़ती है। देश की आंतरिक शांति की चर्चा करते हुए तुषार गांधी ने कहा कि संघर्षों का फायदा राजनीतिक शक्तियों को मिलता है।
उन्होंने कहा कि जब समाज के विभिन्न वर्गों के बीच संघर्ष समाप्त हो जाए और लोग साझा मुद्दे पर मिलकर काम करने लगें, तभी भारत वास्तव में राष्ट्र बनेगा। केरल के सबरीमला मंदिर विवाद पर गांधी ने कहा कि यह उन लोगों का काम है जो इस विवाद का राजनीतिक फायदा लेना चाहते हैं। उन्होंने युवा पीढ़ी से आंतरिक संघर्षों को दूर करने की चुनौती स्वीकारने का आह्वान किया।
from Punjab Kesari (पंजाब केसरी) https://ift.tt/2ABBFu9
No comments:
Post a Comment