Wednesday, October 31, 2018

बोर्ड लोकपाल, नैतिकता अधिकारी नियुक्त करे

नई दिल्ली : प्रशासकों की समिति का कहना है कि बीसीसीआई को उसकी बहुप्रतीक्षित सालाना आम बैठक और चुनावों से पहले किसी भी विवाद से निपटने के लिये लोकपाल और एक नैतिकता अधिकारी की यथाशीघ्र नियुक्ति करनी होगी। उच्चतम न्यायालय में रखी गई 10वीं स्थिति रिपोर्ट में सीओए ने बताया कि आगामी चुनावों से पहले ये नियुक्तियां क्यों जरूरी हैं। सीओए ने रिपोर्ट में कहा कि बीसीसीआई के नये संविधान के तहत सालाना आम बैठक में लोकपाल की नियुक्ति बेहद जरूरी है ताकि विवादों का निष्पक्ष निपटान हो सके।

इसमें यह भी कहा गया कि लोकपाल सेवानिवृत्त न्यायाधीश या उच्च न्यायालय का मुख्य न्यायाधीश होना चाहिये और उसे एक साल का कार्यकाल दिया जाना चाहिये जो तीन साल तक बढाया जा सके। अभी यह पता नहीं है कि बीसीसीआई की सालाना आम बैठक कब होगी और बोर्ड के चुनाव कहां होंगे। उच्चतम न्यायालय के नौ अगस्त के आदेश में मंजूरी प्राप्त नये संविधान के तहत बैठक बुलाई जायेगी । इस आदेश में राज्य संघों को 30 दिन का समय दिया गया है लेकिन उनमें से कुछ आयु और पदाधिकारियों के कार्यकाल समेत कुछ बदलावों का विरोध अभी भी कर रहे हैं।

इसके अलावा अनुशासनहीनता, दुर्व्यवहार जैसे मसले भी वह सुलझायेगा। नैतिकता अधिकारी की जरूरत के बारे में सीओए ने कहा कि यह जरूरी है कि बीसीसीआई अपने पहले नैतिकता अधिकारी की जल्दी नियुक्ति करे ताकि हितों के टकराव संबंधी शिकायतों का हल पूर्णत: योग्य व्यक्ति निकाल सके।

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