उधमसिंह नगर : एचएच-74 भूमि मुआवजा घोटाले में गलत तरीके से करोड़ों का मुआवजा लेने वालों के खिलाफ प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) की भी नजर है। विभाग के हाथ कुछ महत्वपूर्ण साक्ष्य हाथ लगने पर ईडी जल्द ही बड़ी कार्रवाई कर सकता है। भूमि मुआवजा घोटाले में बिल्डरों, किसानों और अधिकारियों की ओर से मनी लांड्रिंग के सुराग मिलने पर एसआईटी ने शासन को अपनी रिपोर्ट भेजी थी। रिपोर्ट के आधार पर सितंबर 2017 में प्रवर्तन निदेशालय ने एसआईटी से मनी लांड्रिंग के मामलों की जांच रिपोर्ट मांगी।
अक्टूबर में एसआईटी ने सहायक निदेशक भारत सरकार प्रवर्तन निदेशालय को प्रथम सूचना रिपोर्ट भेजी। इसके आधार पर ईडी ने करीब चार बार एसआईटी दफ्तर पहुंचकर मनी लांड्रिंग के मामलों की जानकारी लेने के साथ ही तहसीलों से भी संबंधित पत्रावलियों की सत्यापित पत्रावलियां लीं। 5 जुलाई को ईडी अधिकारियों ने जसपुर, काशीपुर और रुद्रपुर के कुछ काश्तकारों से पूछताछ की।
इसमें जसपुर के एक काश्तकार ने ईडी को उसे मिले 17 करोड़ मुआवजे में से नौ करोड़ कमीशन एक पीसीएस अधिकारी को हल्द्वानी के एक पेट्रोल पंप संचालक और जसपुर के एक मार्बल विक्रेता के माध्यम से पहुंचाने की बात कही। इसके बाद ईडी ने कुछ और लोगों को भी अपने रडार पर लिया। सूत्रों के अनुसार यूएसनगर जिले के साथ ही कुछ अन्य जिलों में ईडी को मनी लांड्रिंग में शामिल लोगों के खिलाफ महत्वपूर्ण साक्ष्य मिले हैं।
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