Wednesday, October 31, 2018

PM मोदी ने ‘स्टैच्यू ऑफ यूनिटी’ का किया अनावरण, बोले – ये मूर्ति न्यू इंडिया की अभिव्यक्ति

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज सरदार पटेल की 182 मीटर ऊंची मूर्ति ‘स्टैच्यू ऑफ यूनिटी’ (Statue Of Unity) का अनावरण किया। इस दौरान बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह, गुजरात के मुख्यमंत्री विजय रुपाणी, डिप्टी सीएम नितिन पटेल, मध्य प्रदेश की राज्यपाल आनंदीबेन पटेल अनावरण के इस कार्यक्रम में उपस्थित हैं।

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प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सरदार पटेल की मूर्ति की पूजा की। इस दौरान उन्होंने प्रतिमा पर 30 नदियों का जल से अभिषेक किया। इस दौरान 30 ब्रहाम्णों ने मंत्रोच्चार किया। प्रधानमंत्री ने पूरे विधि विधान ने सरकार पटेल की प्रतिमा के नीचे खड़े होकर पूजा अर्चना की। इसके बाद प्रधानमंत्री हाथ हिलाकर आस पास खड़े लोगों का अभिवादन भी किया। इसके बाद भारतीय ध्वज तिरंगे के रंग गुब्बारे भी उड़ाए गए।

– वॉल ऑफ यूनिटी के उद्घाटन के बाद प्रधानमंत्री मोदी सीधे प्रधानमंत्री मोदी सरदार की प्रतिमा के पास जा रहे हैं। प्रधानमंत्री सरदार पटेल की प्रतिमा में लगी लिफ्ट के जरिए ऊपर तक जाएंगे।

स्टैच्यू ऑफ यूनिटी के अनावरण के बाद पीएम नरेंद्र मोदी ने कहा कि पूरा देश आज राष्ट्रीय एकता दिवस मना रहा है। किसी भी देश के इतिहास में ऐसे अवसर आते हैं, जब वो पूर्णता का अहसास कराते हैं। आज वही पल है जो देश के इतिहास में हमेशा के लिए दर्ज हो जाता है, जिसे मिटा पाना मुश्किल है। उन्होंने कहा भारत भक्ति की भावना से ही हमारी सभ्यता फल फूल रही है। आज देश के विराट व्यक्ति को उचित स्थान मिला।

पीएम ने कहा कि आजादी के इतने साल तक हम एक अधूरापन लेकर चल रहे थे, लेकिन आज भारत के वर्तमान ने सरदार के विराट व्यक्तित्व को उजागर करने का काम किया है। आज जब धरती से लेकर आसमान तक सरदार साहब का अभिषेक हो रहा है, तो ये काम भविष्य के लिए प्रेरणा का आधार है।

उन्होंने कहा कि आज भारत अपनी शर्तों पर दुनिया से संवाद कर रहा है। सरदार के संकल्प से कन्याकुमारी से लेकर कश्मीर तक ट्रेन सेवा मिली। इसके अलावा सरदार पटेल की ही वजह से सभी रियायतें एक हुईं।

पीएम मोदी ने कहा कि ये मेरा सौभाग्य है कि मुझे सरदार साहब की इस विशाल प्रतिमा को देश को समर्पित करने का अवसर किया है। जब मैंने गुजरात के मुख्यमंत्री के तौर पर इसकी कल्पना की थी, तो कभी अहसास नहीं था कि प्रधानमंत्री के तौर पर मुझे ये पुण्य काम करने का मौका मिलेगा। इस काम में जो गुजरात की जनता ने मेरा साथ दिया है, उसके लिए मैं बहुत आभारी हूं।

उन्होंने आगे कहा कि सरदार साहब की वजह से ही मौलिक अधिकार हमारे लोकतंत्र का हिस्सा हैं। ये प्रतिमा यह याद दिलाने के लिए है कि राष्ट्र शाश्वत है, शाश्वत था और शाश्वत रहेगा। इसके अलावा उन्होंने कहा कि सरदार के आह्वान पर देश के सैकड़ों राजवाड़ों ने त्याग की मिसाल कायम की थी।

इस अवसर पर पीएम मोदी ने कहा कि मैं जिस मिट्टी में पला बढ़ा, जिनके बीच में मैं बढ़ा हुआ उन्होंने ने ही मुझे सम्मान पत्र दिया। ये वैसा ही जैसे कोई मां अपने बेटे की सिर पर हाथ रखती है। उन्होंने कहा कि मुझे लोहा अभियान के दौरान मिले, लोहे का पहला टुकड़ा भी दिया गया है। हमने इस अभियान में लोगों से मिट्टी भी मांगी थी। देश के लाखों किसानों ने खुद आगे बढ़कर इस शुभ काम के लिए लोहा और मिट्टी दी।

उन्होंने आगे कहा कि आज मुझे वो पुराने दिन याद आ रहे हैं, जी भरकर बहुत कुछ कहने का मन भी कर रहा है। किसानों ने इन प्रतिमा के निर्माण को आंदोलन बना दिया। जब मैंने ये विचार आगे रखा था, तो शंकाओं का वातावरण बना था। जब ये कल्पना मन में चल रही थी, तब मैं सोच रहा था कि यहां कोई ऐसा पहाड़ मिल जाए जिसे तराशकर मूर्ति बना दी जाए। लेकिन वो संभव नहीं हो पाया, फिर इस रूप की कल्पना की गई।

पीएम मोदी ने कहा कि सरदार पटेल ने उस समय खंडित पड़े देश को एक सूत्र में बांधा, तब मां भारती 550 से अधिक विरासतों में बंटी हुई थी। दुनिया में भारत के भविष्य के प्रति बहुत निराशा था, तब भी कई निराशावादी थे। उन्हें लगता था कि भारत अपनी विविधताओं की वजह से बिखर जाएगा। तब सभी को सिर्फ एक ही किरण दिखती थी, ये किरण थी सरदार वल्लभभाई पटेल।

PM ने कहा कि 5 जुलाई 1947 में रियासतों को कहा था कि विदेशी आक्रांताओं के सामने हमारे आपसी झगड़े, आपसी दुश्मनी, बैर का भाव हमारी हार की बड़ी वजह थी। अब हमें इस गलती को नहीं दोहराना है और ना ही किसी का गुलाम होना है। देखते ही देखते भारत एक हो गया, सरदार साहब के कहने पर सभी रजवाड़े एक साथ आए।

उन्होंने कहा कि मेरा एक सपना भी है, इसी स्थान के साथ जोड़कर सभी रजवाड़ों का एक वर्चुअल म्यूज़ियम तैयार हो। वरना आज तो कोई तहसील का अध्यक्ष भी अपना पद नहीं छोड़ सकता है। उन्होंने कहा कि सरदार पटेल में कौटिल्य की कूटनीति और शिवाजी के शौर्य का समावेश था।

पीएम मोदी ने कहा कि चाहे जितना दबाव, मतभेद क्यों ही ना हो लेकिन प्रशासन में गवर्नेंस को किस तरह स्थापित किया जाता है, ये सरदार साहब ने करके दिखाया है। अगर सरदार साहब ने संकल्प नहीं किया होता तो आज गिर के शेर को देखने के लिए और शिवभक्तों के लिए सोमनाथ की पूजा करने के लिए, हैदराबाद में चारमिनार को देखने के लिए वीजा लेना पड़ता।

इस दौरान पीएम मोदी ने इस प्रतिमा के निर्माण से जुड़े सभी मजदूरों, शिल्पकारों का धन्यवाद किया। उन्होंने कहा, ‘प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष रूप से जो लोग इस काम से जुड़े हैं, वह भी इतिहास का हिस्सा बन गए हैं।’ प्रधानमंत्री ने कहा कि 31 अक्टूबर, 2010 को मैंने इसका विचार दुनिया के सामने रखा था, करोड़ों भारतीयों की तरह मेरे मन में एक ही भावना था कि जिस महापुरुष ने देश को एक करने के लिए इतना बड़ा काम किया उसे वो सम्मान मिलना चाहिए जिसका वो हकदार है।

इसके अलावा उन्होंने कहा कि इस प्रतिमा के निर्माण से आदिवासियों को रोजगार मिलेगा, यहां अब टूरिस्ट आएंगे तो गरीबों के लिए रोजगार लाएंगे। आज का सहकार आंदोलन जो देश के अनेक गांवों की अर्थव्यवस्था का मजबूत आधार बन चुका है, ये सरदार साहब की ही देन है। स्टैच्यू ऑफ यूनिटी हमारे देश की इंजीनियरिंग और तकनीक के सामर्थ्य का उदाहरण है, यहां एक एकता नर्सरी भी बननी चाहिए।

 – प्रधानमंत्री मोदी ने आगे कहा कि यहां के चावल से बने ऊना मांडा, तहला मांडा, ढोकला मांडा यहां आने वाले पर्यटकों को पसंद आएंगे।सरदार साहब के दर्शन करने आने वाले टूरिस्ट सरदार सरोवर डैम, सतपुड़ा और विंध्य के पर्वतों के दर्शन भी कर पाएंगे। उन्होंने कहा कि ये मूर्ति न्यू इंडिया की अभिव्यक्ति है।

उन्होंने कहा, देश में कुछ लोग हमारी इस मुहिम को राजनीति के चश्मे से देख रहे हैं, देश के सपूतों की प्रशंसा करने के लिए हमारी आलोचना की जाती है। जैसे हमने कोई बहुत बड़ा अपराध कर दिया हो, हमारी कोशिश है कि भारत के हर राज्य को सरदार पटेल के विजन को आगे बढ़ाने में कोशिश करनी चाहिए।

– प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने दुनिया की सबसे ऊंची प्रतिमा ‘स्टैच्यू ऑफ यूनिटी’ का अनावरण किया। इसके बाद वायुसेना के हेलीकॉप्टरों ने सरदार पटेल की प्रतिमा के ऊपर फूलों की वर्षा की।

– स्टैच्यू ऑफ यूनिटी के अनावरण के मौके पर भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह, गुजरात के मुख्यमंत्री विजय रुपाणी, डिप्टी सीएम नितिन पटेल, मध्य प्रदेश की राज्यपाल आनंदीबेन पटेल कार्यक्रम में उपस्थित हैं।

– इस मौके पर सरदार पटेल के रिश्तेदार ने कहा कि अमेरिका, मुंबई, अहमदाबाद आदि से हमारे परिवार के 37 सदस्य यहां आए हुए हैं।

– प्रधानमंत्री ने स्टैच्यू ऑफ यूनिटी के पास टेंट सिटी का उद्घाटन किया।

– स्टैच्यू ऑफ यूनिटी के पास सांस्कृतिक कार्यक्रमों का दौर भी जारी है। इसके साथ ही पहले दिन ही प्रतिमा को देखने के लिए भारी संख्या में लोग पहुंच रहे हैं।

– पीएम मोदी ने स्टैच्यू ऑफ यूनिटी के पास ‘वैली ऑफ फ्लोवर्स’ का उद्घाटन किया।

– प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी नर्मदा के किनारे केवडिया पहुंचे। यहां से कुछ ही देर में PM स्टैच्यू ऑफ यूनिटी के लिए रवाना होंगे।

– बता दें कि भाजपा आज पूरे देश में रन फॉर यूनिटी का आयोजन करेगी। मूर्ति के ऊपर से बुधवार को एयरफोर्स के लड़ाकू विमान सलामी देंगे।

– देश को यह प्रतिमा समर्पित करने से पहले पीएम मोदी ने इस संबंध में एक ट्वीट भी किया। उन्होंने लिखा, ‘सरदार पटेल की जयंती के मौके पर, ‘स्टैच्यू ऑफ यूनिटी’ राष्ट्र को समर्पित की जाएगी। नर्मदा के तट पर स्थित यह प्रतिमा महान सरदार पटेल को सच्ची श्रद्धांजलि है।’

‘स्टैच्यू ऑफ यूनिटी’ से जुड़ी खास बातें : 

– मूर्ति की लंबाई 182 मीटर है और यह इतनी बड़ी है कि इसे 7 किलोमीटर की दूरी से भी देखा जा सकता है।

– यह प्रतिमा नर्मदा नदी पर सरदार सरोवर बांध से 3.5 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है। इसका रैफ्ट निर्माण का काम वास्तव में 19 दिसंबर, 2015 को शुरू हुआ था और 33 माह में इसे पूरा कर लिया गया।

– सरदार पटेल की इस मूर्ति को बनाने में करीब 2,989 करोड़ रुपये का खर्च आया। कंपनी के मुताबिक, कांसे की परत चढ़ाने के आशिंक कार्य को छोड़ कर बाकी पूरा निर्माण देश में ही किया गया है।

– इस मूर्ति में दो लिफ्ट भी लगी है, जिनके माध्यम से आप सरदार पटेल की छाती पहुंचेंगे और वहां से आप सरदार सरोवर बांध का नजारा देख सकेंगे और खूबसूरत वादियों का मजा ले सकेंगे। सरदार की मूर्ति तक पहुंचने के लिए पर्यटकों के लिए पुल और बोट की व्यवस्था की जाएगी।

– स्टैच्यू ऑफ यूनिटी का कुल वजन 1700 टन है और ऊंचाई 522 फिट यानी 182 मीटर है। प्रतिमा अपने आप में अनूठी है। इसके पैर की ऊंचाई 80 फिट, हाथ की ऊंचाई 70 फिट, कंधे की ऊंचाई 140 फिट और चेहरे की ऊंचाई 70 फिट है।

– बता दें कि इस स्मारक की आधारशिला 31 अक्तूबर, 2013 को पटेल की 138 वीं वर्षगांठ के मौके पर रखी गई थी, जब पीएम नरेंद्र मोदी गुजरात के मुख्यमंत्री थे।

पीएम मोदी बोले – सरदार पटेल की मूर्ति दुनिया में भारत का मान बढाएगी



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