नई दिल्ली : भारतीय अर्थव्यवस्था बेशक अप्रैल-जून की तिमाही में मजबूत आर्थिक वृद्धि दर दर्ज करेगी, लेकिन आगामी महीनों में यह रफ्तार सुस्त पड़ सकती है। नोमूरा की एक रिपोर्ट में यह अनुमान लगाया गया है। वैश्विक वित्तीय सेवा क्षेत्र की कंपनी ने एक शोध नोट में कहा है कि भारतीय अर्थव्यवस्था की वृद्धि दर अपने उच्चस्तर पर पहुंच चुकी है और इस साल की दूसरी छमाही में यह नीचे आएगी।
जनवरी-मार्च की तिमाही में भारत की सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) की वृद्धि दर 7.7 प्रतिशत रही थी जो सात तिमाहियों का सबसे ऊंचा स्तर है। विनिर्माण और सेवा क्षेत्र के बेहतर प्रदर्शन तथा कृषि क्षेत्र का उत्पादन अच्छा रहने से भारतीय अर्थव्यवस्था तेज रफ्तार से बढ़ी है।
रिपोर्ट में कहा गया है कि सख्त वित्तीय स्थिति, वैश्विक वृद्धि में सुस्ती और व्यापार की प्रतिकूल शर्तों से 2018 की दूसरी छमाही में वृद्धि दर नीचे आएगी। नोमूरा का अनुमान है कि अप्रैल जून तिमाही में जीडीपी की वृद्धि दर उच्चस्तर पर रहेगी और उसके बाद यह दूसरी छमाही में घटकर 7.2 प्रतिशत रह जाएगी। पहली छमाही में यह करीब 7.8 प्रतिशत के स्तर पर रहेगी।
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