नई दिल्ली : सरकार की वित्तीय सेहत में 2018-19 की जून तिमाही में सुधार हुआ है और राजकोषीय घाटा बजटीय अनुमान का 68.7 प्रतिशत रहा। इसका मुख्य कारण राजस्व संग्रह बेहतर रहना है। पिछले वित्त वर्ष की अप्रैल-जून तिमाही में राजकोषीय घाटा बजटीय अनुमान का 80.8 प्रतिशत था। वास्तविक रूप से कुल व्यय एवं प्राप्ति के बीच अंतर राजकोषीय घाटा 4.29 लाख करोड़ रुपये रहा।
सरकार ने चालू वित्त वर्ष में राजकोषीय घाटा 6.24 लाख करोड़ रुपये या सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) का 3.3 प्रतिशत रहने का अनुमान रखा है जो 2017-18 में 3.53 प्रतिशत था। महालेखा नियंत्रक (सीजीए) द्वारा जारी आंकड़े के अनुसार जून के अंत तक कर संग्रह 2.37 लाख करोड़ रुपये रहा जो बजटीय अनुमान का 16 प्रतिशत है। सरकार की कुल प्राप्ति अप्रैल-जून तिमाही में 2.78 लाख करोड़ रुपये रही जो बजटीय अनुमान का 15.3 प्रतिशत है।
बजटीय स्तर से कम रहेगा राजकोषीय घाटा
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