दिल्ली हाई कोर्ट ने बुधवार को दिल्ली की आम आदमी पार्टी सरकार से कहा कि वह बलवान खोखर की पैरोल की याचिका पर दो हफ्ते के अंदर फैसला करे। बलवान खोखर को 1984 के सिख विरोधी दंगा मामले में कांग्रेस के पूर्व नेता सज्जन कुमार के साथ आजीवन कारावास की सजा सुनाई गई थी।
न्यायमूर्ति नजमी वजीरी ने दिल्ली सरकार से कहा कि वह पूर्व पार्षद खोखर की याचिका को एक ज्ञापन के तौर पर देखे और अपने फैसले के बारे में दो हफ्ते में अदालत को अवगत कराए। अदालत ने इसके साथ ही उच्च न्यायालय के 17 दिसंबर के फैसले के खिलाफ उच्चतम न्यायालय में विशेष अनुमति याचिका दायर करने के लिये एक महीने की पैरोल की मांग वाली याचिका का निस्तारण कर दिया।
1984 सिख विरोधी दंगे : सज्जन कुमार की याचिका पर सीबीआई को सुप्रीम कोर्ट का नोटिस
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