Thursday, January 31, 2019

जेट एयरवेज की रद्द उड़नों पर नजर रख रहा है डीजीसीए

नागर विमान महानिदेशालय (डीजीसीए) जेट एयरवेज की रद्द उड़नों तथा उसकी अन्य स्थितियों पर नजदीकी नजर रखे हुये है तथा उसने कंपनी से पूछा है कि वह किस प्रकार शीतकालीन शिड्यूल के अनुसार उड़न भरने में सफल होगी। शीतकालीन शिड्यूल 28 अक्टूबर 2018 से 30 मार्च 2019 तक का है। हर शिड्यूल विमान सेवा कंपनी को अपनी उड़नों की अपेक्षित समय सारणी आदि की जानकारी इसमें देनी होती है।

वित्तीय संकट से जूझ रही जेट एयरवेज के कम से कम चार विमान इस समय ग्राउंडेड हैं और इस कारण उसकी कुछ उड़नें रद्द हुई हैं। हालाँकि कंपनी का दावा है कि उसे विमान पट्टे पर देने वाली कंपनियों से वह संपर्क में है और सभी कंपनियों का रुख सहयोगात्मक है। मामले के जानकार एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि डीजीसीए ने जेट एयरवेज से पूछा है कि शिड्यूल के अनुसार उड़नें सुनिश्चित करने के लिए उसने क्या उपाय किये हैं। उन्होंने बताया कि रद्द उड़नों और एयरलाइंस की स्थिति पर नजदीकी नजर रखी जा रही है।

उल्लेखनीय है कि चालू वित्त वर्ष की पहली छमाही में 262 करोड़ रुपये से ज्यादा का नुकसान उठा चुकी कंपनी कर्मचारियों का वेतन और हवाई अड्डा शुल्क भी समय पर नहीं दे पा रही है। गत 31 दिसंबर को वह ऋणदाता बैंकों को किस्त के भुगतान में भी विफल रही है। अधिकारी ने बताया कि सुरक्षा को लेकर डीजीसीए का रुख बिल्कुल स्पष्ट है और इस पर कोई समझौता नहीं किया जा रहा है। एयरलाइन ने अब तक विमानों की नियमित जाँच, रखरखाव और मरम्मत में कोई कमी नहीं आने दी है।



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