Thursday, January 31, 2019

न्यायमूर्ति रमना ने राव की नियुक्ति को चुनौती देने वाली याचिका पर सुनवाई से खुद को अलग किया

सुप्रीम कोर्ट के न्यायमूर्ति एन. वी. रमना ने सीबीआई के अंतरिम निदेशक के रूप में एम. नागेश्वर राव की नियुक्ति के केन्द्र के फैसले को चुनौती देने वाली याचिका की सुनवाई से खुद को बृहस्पतिवार को अलग कर लिया। न्यायमूर्ति रमना इस मामले की सुनवाई से स्वयं को अलग करने वाले तीसरे न्यायाधीश हैं।

इससे पहले प्रधान न्यायाधीश रंजन गोगोई और न्यायमूर्ति ए. के. सीकरी भी इसकी सुनवाई से खुद को इससे अलग कर चुके हैं। गैर सरकारी संगठन कॉमन कॉज ने सीबीआई के अंतरिम निदेशक के रूप में राव की नियुक्ति के केन्द्र के फैसले को न्यायालय में चुनौती दी है। मामले की सुनवाई से खुद को अलग करते हुए न्यायमूर्ति रमना ने कहा कि राव उनके पैतृक नगर से हैं और वह राव की बेटी की शादी में शामिल हुए थे।

न्यायमूर्ति रमना ने मामले को उचित पीठ के समक्ष सूचीबद्ध करने के लिए प्रधान न्यायाधीश के पास भेज दिया। सीबीआई निदेशक आलोक वर्मा को पद से हटाने के लिए प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की अध्यक्षता में गठित उच्चाधिकार प्राप्त समिति की 10 जनवरी को हुई बैठक में न्यायमूर्ति सीकरी ने प्रधान न्यायाधीश गोगोई का प्रतिनिधित्व किया था।

हालांकि उन्होंने मुकदमे की सुनवाई से खुद को अलग करने की कोई वजह नहीं बतायी। वहीं प्रधान न्यायाधीश गोगोई ने यह कहते हुए स्वयं को मामले से अलग कर लिया कि वह सीबीआई के नए निदेशक की चयन समिति का हिस्सा होंगे। गैर सरकारी संगठन ने अपनी याचिका में सीबीआई निदेशक की नियुक्ति में पारदर्शिता सुनिश्चित करने के लिए विशेष प्रक्रिया की मांग की है।

उसने आरोप लगाया है कि राव की नियुक्ति उच्चाधिकार प्राप्त चयन समिति की सिफारिशों के आधार पर नहीं की गई है। याचिका के अनुसार, राव को सीबीआई का अंतरिम निदेशक नियुक्त करने का 23 अक्टूबर का आदेश शीर्ष अदालत ने आठ जनवरी को निरस्त कर दिया था परंतु सरकार ने दुर्भावनापूर्ण, मनमाने और गैरकानूनी तरीके से काम करते हुए उन्हें दुबारा नियुक्त कर दिया है।

सीबीआई निदेशक आलोक वर्मा को हटाए जाने के बाद 10 जनवरी को राव को अंतरिम प्रमुख बनाया गया। वह अगले प्रमुख की नियुक्ति तक पद पर रहेंगे।



from Punjab Kesari (पंजाब केसरी) http://bit.ly/2DJkEzp

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