आईसीआईसीआई बैंक की पूर्व सीईओ चंदा कोचर के खिलाफ नियमों के कथित उल्लंघन की जांच कर रही न्यायमूर्ति बी एन कृष्णा कमेटी की रिपोर्ट ने मामले में सीबीआई के रूख की पुष्टि की है। अधिकारियों ने बुधवार को इस बारे में बताया। एजेंसी के अधिकारियों का मानना है कि उसकी प्रारंभिक जांच के निष्कर्ष से साफ हुआ कि कोचर ने कर्ज को मंजूरी देने में विडियोकॉन ग्रुप के वी एन धूत के साथ साठगांठ की थी।
जांच के नतीजे के आधार पर ही प्राथमिकी दर्ज की गयी थी। प्राथमिकी दर्ज किये जाने के बाद एजेंसी को केंद्रीय मंत्री अरूण जेटली की तल्ख टिप्पणी का सामना करना पड़ा था। पहचान जाहिर नहीं करने की शर्त पर अधिकारियों ने कहा कि न्यायमूर्ति बी एन कृष्णा कमेटी की रिपोर्ट ने एजेंसी के रूख की पुष्ट की है।
ईसीआईसीआई बैंक ने उच्चतम न्यायालय के सेवानिवृत्त न्यायाधीश बी एन श्रीकृष्ण द्वारा स्वतंत्र जांच कराने की मांग की थी, जिसने कोचर को विभिन्न नियमों के उल्लंघन का दोषी पाया। चंदा कोचर ने पिछले साल अक्टूबर में उन आरोपों के बाद इस्तीफा दे दिया था, जिनमें यह कहा गया कि उन्होंने कंज्यूमर इलैक्ट्रोनिक एंड ऑयल एंड गैस कंपनी वीडियोकॉन का पक्ष लेते हुए नियमों की अनदेखी कर उन्हें ऋण दिए।
इससे पहले, वीडियोकान ग्रुप को साल 2012 में 3250 करोड़ रुपये का बैंक लोन देने के मामले में सीबीआई ने आईसीआईसीआई बैंक की पूर्व सीईओ चंदा कोचर और उनके पति दीपक कोचर को एफआईआर में नामजद किया है। इस एफआईआर में वीडियोकॉन के मैनेजिंग डायरेक्टर वीएन धूत का नाम भी शामिल है।
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