पंजाब सरकार ने अनुसूचित जाति,पिछड़ श्रेणियां तथा गरीबी रेखा से नीचे के परिवारों के लिये बिजली खपत की सालाना अपर लिमिट तीन हजार यूनिट हटाने का फैसला किया है। इस आशय का फैसला मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह की अध्यक्षता में आज यहां हुई मंत्रिमंडल की बैठक में लिया गया।इससे इन श्रेणियों के सारे घरेलू खपतकार मुफ्त में प्रतिमाह 200 यूनिट बिजली प्राप्त करने के योज्ञ हो सकेंगे। इस फैसले से 1.17 लाख घरेलू खपतकार वापस इस स्कीम के तहत आ जायेंगे जो अपर लिमिट के कारण इस घेरे से बाहर हो गये थे।
इससे सरकारी खजाने पर 163 करोड़ रूपये का अतिरिक्त बोझ पड़गा। इस स्कीम के तहत खपतकारों को दो माह बाद आने वाले बिल के आधार पर केवल 200 यूनिट बिजली प्रतिमाह से अधिक यूनिटों की खपत के लिये भुगतान करना पड़गा।इससे बीपीएल,अजा तथा पिछड़ श्रेणी के घरेलू उपभोक्ताओं के 17.76 लाख से अधिक परिवारों को लाभ होगा।इससे सरकारी खजाने पर सालाना 1253 करोड़ रूपये सब्सिडी का बोझ पड़गा। बैठक में फैसला किया गया कि आयकर चुकाने वालों को इस स्कीम के तहत प्रतिमाह 200 यूनिट मुफ्त बिजली की सुविधा प्राप्त नहीं होगी।
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