मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने गुरुवार को कुंभ मेला क्षेत्र का दौरा कर राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ (RSS) प्रमुख मोहन भागवत और विभिन्न साधु-संतों से मुलाकात की। मुख्यमंत्री ने सबसे पहले झूंसी स्थित राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ के कार्यालय में संघ प्रमुख मोहन भागवत से मुलाकात की। संघ सूत्रों ने बताया कि योगी और भागवत की भेंट करीब डेढ़ घंटे तक चली।
भागवत ने कहा , कोर्ट ने कहा महिला अगर प्रवेश चाहती है तो करने देना चाहिए, अगर किसीको रोका जाता है तो उसको सुरक्षा देकर जहां से सब दर्शन करते हैं वहां से ले जाना चाहिए लेकिन कोई जाना नहीं चाह रहा है इसलिए श्रीलंका से लेकर,पीछे के दरवाज़े से घुसाया जा रहा है। उसकी अपनी परंपरा रहती है, लेकिन देश भर के करोड़ों हिन्दुओं की भावनाओं का सम्मान इससे आहात होगा, यह विचार कोर्ट ने किया नहीं।
विश्व हिंदू परिषद की धर्मसभा में राम मंदिर पर विस्तार से चर्चा होगी। इसके अलावा नृत्यगोपाल दास समेत कई अन्य धार्मिक गुरु भी इसमें शामिल हो रहे हैं। गोरक्षा और गंगा पर भी मंथन होगा। वीएचपी की धर्मसंसद से पहले शंकराचार्य स्वरूपानंद सरस्वती की अध्यक्षता में हुई परम धर्म संसद ने मामले को और तेज कर दिया है।
परम धर्मसंसद ने प्रयागराज कुंभ से बुधवार को राम मंदिर बनाने का ऐलान किया और कहा कि 21 फरवरी को साधु संत इसका शिलान्यास करेंगे। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से मिलने के बाद पूरी पीठाधीश्वर स्वामी निश्चलानंद सरस्वती ने बताया कि सीएम उनके पास राम मंदिर के लिए समर्थन मांगने आए थे। शंकराचार्य ने अपना पक्ष मुख्यमंत्री के सामने रखा।
मुख्यमंत्री ने कोर्ट का हवाला देकर कहा कुछ सीमाएं हैं। शंकराचार्य ने इस प्रकरण पर अब तक की कार्रवाई पर नाराजगी जाहिर की। उन्होंने कहा है कि मंदिर निर्माण जल्द हो।
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