कांग्रेस के साथ हाथ मिलाने पर स्पष्टीकरण देते हुए आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री और तेलुगु देशम पार्टी के अध्यक्ष एन चंद्रबाबू नायडू ने गुरुवार को कहा कि उनके राहुल गांधी के नेतृत्व वाली पार्टी के साथ कोई वैचारिक मतभेद नहीं हैं। राज्य में पीपुल्स फ्रंट के उम्मीदवारों के लिए चुनाव प्रचार अभियान के तौर पर राहुल गांधी के साथ कई बैठकों में शामिल होने वाले नायडू ने कहा कि गैर बीजेपी दलों के लिए एक ही मंच पर आने की लोकतांत्रिक विवशता है।
चंद्रबाबू नायडू ने संवाददाताओं से कहा, ‘‘राजनीतिक रूप से हम (तेदेपा और कांग्रेस) अलग हैं। तेलुगु देशम पार्टी शुरुआत से ही कांग्रेस के खिलाफ लड़ रही है और यही सच्चाई है। वैचारिक तौर पर हमारे कोई मतभेद नहीं हैं। वैचारिक रूप से हमारे बीजेपी के साथ मतभेद हैं।’’ उन्होंने कांग्रेस के साथ दशकों पुराने मतभेदों के बारे में पूछे जाने पर कहा, ‘‘लेकिन आज एक लोकतांत्रिक विवशता है।
इसलिए संविधान को बचाने और साथ ही संस्थानों को बचाने के लिए बीजेपी के खिलाफ लड़ने की जरुरत है।’’ मुख्यमंत्री ने कहा कि बीजेपी के पास पांच राज्यों में से कहीं पर भी जीतने का मौका नहीं है। चंद्रबाबू नायडू ने दावा किया, ‘‘प्रधानमंत्री मोदी ने देश को निराश किया। लोगों ने उन पर बहुत भरोसा किया। लेकिन उन्होंने देश को निराश किया। हर कोई दबाव और तनाव में जी रहा है। यह देश के लिए बहुत बुरा है कि वे सीबीआई, ईडी और आयकर जैसे संस्थानों का गलत इस्तेमाल कर रहे हैं।’’
गैर बीजेपी दलों की 10 दिसंबर को प्रस्तावित बैठक के बारे में नायडू ने कहा कि किसी भी दल का कोई औपचारिक न्यौता नहीं होगा। यह पूछे जाने पर कि बीजेपी-रोधी गठबंधन का नेतृत्व कौन करेगा, इस पर चंद्रबाबू नायडू ने कहा, ‘‘नरेंद्र मोदी कौन हैं? साल 2014 तक वह महज एक मुख्यमंत्री थे। वह अपनी पार्टी को जिता पाए। अब कई सक्षम लोग और प्रशासक हैं। वे नेतृत्व करेंगे। हम इस पर सहमति बनाएंगे। मैं प्रधानमंत्री पद की दौड़ में नहीं हूं। मैंने कई बार कहा है। मुझे इस पहल से किसी पद या किसी फायदे की उम्मीद नहीं है।’’ उन्होंने कहा कि पीपुल्स फ्रंट जीत रहा है और तेलंगाना में सरकार बना रहा है।
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