मुजफ्फरनगर : गौरतलब है कि बीते कुछ समय से देश की अलग-अलग अदालतों ने नाबालिग बच्चियों से रेप के मामले में त्वरित आदेश देते हुए अपराधियों को सजा सुनाई है।ऐसा ही एक मामला मुजफ्फरनगर का है, त्वरित अदालत ने वर्ष 2007 में नाबालिग के अपहरण और बलात्कार के आरोपी को दस साल कारावास की सजा सुनाई है तथा आरोपी पर तीन हजार रुपए का जुर्माना भी लगाया है।
न्यायधीश अशोक कुमार ने आरोपी अब्दुल्ला को भारतीय दंड सहिंता की धारा 363 (अपहरण) और 376 (बलात्कार) के तहत दोषी पाया। न्यायाधीश अभियोजन के मुताबिक आरोपी ने वर्ष 2007 में बाबरी के तहत गोगवान गांव में एक 15 वर्षीय लड़की का अपहरण कर उसका बलात्कार किया था। 2012 के निर्भया केस के बाद लोगों में महिलाओं के साथ हो रहे दुष्कर्म के प्रति काफी गुस्सा और जागरूकता पैदा हो गयी थी।
इसपर रोक लगाने के लिए कानून के जानकारों ने एक मीटिंग में कई प्रयासों को जाहिर किया। देश में सख्त कानून बनाने से लेकर दोषियों को मौत की सजा दिए जाने की मांग होने लगी। रेप मामलो की सुनवाई जल्द से जल्द हो इसके लिए फ़ास्ट ट्रैक कोर्ट का भी निर्माण किया गया जिससे महिलाओं पीड़ित महिलाओं को जल्द से जल्द न्याय मिले और आरोपी को कड़ी से कड़ी सजा दी जा सके।
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