दिल्ली उच्च न्यायालय ने आईएनएक्स मीडिया मामले में पूर्व केंद्रीय वित्त मंत्री पी. चिदंबरम को बड़ी राहत देते हुए उनकी गिरफ्तारी पर रोक 15 जनवरी तक के लिए बढ़ दी।
श्री चिदंबरम की ओर से दायर अग्रिम जमानत याचिका पर सुनवाई के दौरान न्यायालय ने गुरुवार को उनकी गिरफ्तारी पर रोक 15 जनवरी तक के लिए बढ़ा दी। उन्होंने आईएनएक्स मीडिया मामले में केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) और प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) की ओर से दर्ज मुकदमों में गिरफ्तारी की आशंका से अग्रिम जमानत याचिका दायर की थी। सीबीआई ने भ्रष्टाचार और प्रवर्तन निदेशालय ने मनी लांडि्रंग के आरोपों की जांच के लिये मामले दर्ज किये हैं।
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न्यायालय ने पहले श्री चिदंबरम की गिरफ्तारी पर 29 नवंबर यानी आज तक के लिए रोक लगा दी थी। पूर्व वित्त मंत्री के वकील ने न्यायालय से कहा कि उनके मुवक्किल की गिरफ्तारी की आशंका है क्योंकि सीबीआई ने कहा है कि उसे जांच के लिए श्री चिदंबरम को हिरासत में लेने की जरूरत है।
गौरतलब है कि सीबीआई इस बात की जांच कर रही है कि 2006 में वित्त मंत्री के पद पर रहते हुए श्री चिदंबरम ने कैसे एक विदेशी कंपनी को विदेशी निवेश संवर्धन बोर्ड (एफआईपीबी) की मंजूरी दिला दी, जबकि सिर्फ कैबिनेट की आर्थिक मामलों की समिति को ऐसा करने का अधिकार था।
जांच एजेंसी 3,500 करोड़ रुपए के एयरसेल-मैक्सिस करार और 305 करोड़ रुपये के आईएनएक्स मीडिया मामले में श्री चिदंबरम और उनके बेटे कार्ति चिदंबरम की भूमिका की जांच कर रही है।
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