मध्यप्रदेश के बालाघाट जिले की एक अदालत ने आर्थिक लाभ प्राप्त करने नियमों की अनदेखी कर धोखाधड़ के मामले में भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम के तहत खादी ग्रामोद्योग बोर्ड के जिला प्रबंधक समेत चार लोगों को तीन-तीन साल के कारावास की सजा सुनाई है। बालाघाट न्यायालय के विशेष न्यायाधीश वाचस्पति मिश्र की अदालत ने प्रबंधक शैलेन्द्र तिवारी, निरीक्षक रमेश बंसोड़, बी.एल। कुंभरे और एक इंडस्ट्री के संचालक राकेश पांडे को ये सजा सुनाई।
सहायक जिला अभियोजन अधिकारी अखिल कुमार कुशराम ने बताया कि 20 जनवरी 1998 से चार सितंबर 2007 के बीच जिला खादी ग्रामोद्योग के प्रबंधक शैलेन्द्र तिवारी और निरीक्षक रमेश बंसोड़ एवं बी.एल। कुंभरे ने खादी ग्रामोद्योग आयोग मुंबई और मध्यप्रदेश खादी ग्रामोद्योग द्वारा अनुबंध के अनुसार बैंक क्रेडिट योजना के तहत मध्यप्रदेश के विभिन्न जिलों में ऋण राशि का वितरण किया गया था। जांच में बोर्ड द्वारा पाया गया कि इसमें निर्देशों का पालन नहीं हुआ था और इससे ऋण की राशि की वसूली संभव नहीं हो पा रही थी। शासन ने इस मामले में लोकायुक्त को शिकायत की। जांच में अनियमितताएं पाई जाने के बाद कल आरोपियों को सजा सुनाई गई।
from Punjab Kesari (पंजाब केसरी) https://ift.tt/2rd74NL
No comments:
Post a Comment