Friday, November 30, 2018

राजसमंद से माहेश्वरी के लिए हैट्रिक बनाना आसान नहीं

राजस्थान विधानसभा चुनाव में राजसमंद जिले की राजसमंद विधानसभा क्षेत्र में कांग्रेस द्वारा नारायण सिंह भार्टी को चुनाव मैदान में उतार देने से सत्तारुढ़ भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) प्रत्याशी उच्च शिक्षा मंत्री किरण माहेश्वरी के लिए इस बार चुनावी हैट्रिक बनाना आसान नहीं लग रहा हैं। देश की सबसे बडी मार्बल मंडी के नाम से मशहूर राजसमंद सीट से कांग्रेस पार्टी ने इस बार चुनावी समीकरण को बदलते हुये राजपूत चेहरा नारायण सिंह भाटी को चुनाव मैदान में उतारा हैं।

राजसमंद सीट से दोनों प्रमुख दलों के अलावा लक्ष्मण लाल सांवरिया (बसपा), पंकज कुमार व्यास, (आरएलपी), प्रकाशचन्द, जैन (आप), मुकेश कुमार कुमावत (भाविपा), मनोज कुमार, शंभुप्रजापत सहित नौ प्रत्याशी चुनावी मैदान में है लेकिन मुख्य मुकाबला भाजपा और कांग्रेस में ही हैं। राजसमंद विधानसभा सीट से वर्ष 2003 से भाजपा के प्रत्याशी जीतते आ रहे हैं। इस सीट पर पिछले दो बार से राजपूत एवं महाजन वर्ग के प्रत्याशियों को टिकट मिलता रहा हैं।

राजसमंद विधानसभा क्षेत्र में राजपूत समाज के 26 हजार 624 मतदाता होते हुये भी दो बार महाजन वर्ग का पलडा भारी रहा हैं जिससे गत दो बार कांग्रेस प्रत्याशी हरीसिंह राठौड चुनाव हार गये। कांग्रेस पार्टी ने इस बार यहां से प्रत्याशी बदलकर राजपूत समाज के श्री भाटी को टिकट दिया हैं जबकि भाजपा ने वापस तीसरी बार श्रीमती माहेश्वरी को ही चुनाव मैदान में उतारा हैं।

राजसमंद विधानसभा क्षेत्र में कुल दो लाख 11 हजार 759 मतदाता हैं। इनमें एक लाख सात हजार 836 पुरूष एवं एक लाख तीन हजार 933 महिला मतदाता हैं। जातिगत आधार पर स्वर्ण, ओबीसी, मुस्लिम एवं अनुसूचित जाति एवं जनजाति की अनुमानित आंकडों के आधार पर राजपूत 26 हजार 624, ब्राह्मण 18 हजार 217, जैन नौ हजार 887, तथा माहेश्वरी डेढ हजार मतदाता हैं। वहीं ओबीसी वर्ग में कुमावत समाज के 14 हजार 346, जाट आठ हजार 835, गुर्जर आठ हजार 564, गाडरी सात हजार 224 हैं। नौ हजार मुस्लिम 253 एवं अनुसूचित जाति एवं जनजाति के 26 हजार 44 मतदाता हैं।

राजसमंद विधानसभा सीट पर वर्ष 2003 में कांग्रेस के बंशीलाल गहलोत को भाजपा के बंशीलाल खटीक ने 26 हजार 945 मतो से हराया था। इसके बाद वर्ष 2008 में इस सीट का आरक्षण समाप्त हो गयी और सामान्य हो गयी। इस पर भाजपा का टिकट उदयपुर से सांसद रहीं किरण माहेश्वरी को टिकट दिया गया। श्रीमती माहेश्वरी ने कांग्रेस के हरीसिंह राठौड को पांच हजार मतो से हराया। इसके बाद वर्ष 2013 में पुन: भाजपा की किरण माहेश्वरी एवं कांग्रेस के हरीसिंह राठौड आमने सामने मुकाबला हुआ।

इसमें श्रीमती माहेश्वरी ने श्री राठौड को 30 हजार से अधिक मतों से हराकर काग्रेस के हार जीत के आंकड़ को बढा दिया गया। राजसमंद सीट का इतिहास देखा जाय तो अब इस सीट से 13 बार चुनाव हुये जिसमें सात बार कांग्रेस पार्टी के प्रत्याशी विजय रहे वही पांच बार भाजपा एवं एक बार जनता पार्टी के उम्मीदवार ने विजय हासिल की थी। वर्ष 1957 एवं 1962 में कांग्रेस पार्टी के निजरंजन नार्थ आचार्य, 1967 मे अमृतलाल (कांग्रेस), 1972 में नानालाल (कांग्रेस), 1977 में केलाशचन्द, (जनता पार्टी )वर्ष 1980 नानालाल (कांग्रेस), 1985 में मदनलाल( कांग्रेस), 1990 एवं 1995 में शांतिलाल खोईवाल( भाजपा), वर्ष 1998 में बंशीलाल गहलोत( कांग्रेस), 2003 में बंशीलाल (भाजपा) वर्ष 2008 एवं 2013 में श्रीमती माहेश्वरी यहां से जीत कर विधानसभा में प्रतिनिधित्व किया।



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