बिहार सरकार के वित्त पोषित एवं संचालित आश्रय गृह के मामले को लेकर राष्ट्रीय जनता दल (राजद) सदस्यों के जोरदार हंगामे के कारण शीतकालीन सत्र के अंतिम दिन आज विधान परिषद, में भोजनावकाश से पूर्व कोई कामकाज नहीं हुआ। परिषद के कार्यकारी सभापति हारुण रशीद के आसन ग्रहण करते ही राजद के सुबोध कुमार ने कार्यस्थगन प्रस्ताव के जरिये सरकार द्वारा वित्त पोषित एवं संचालित आश्रय गृहों में रहने वाले बच्चे-बच्चियों के साथ बलात्कार तथा शारीरिक यातना की घटनाओं को उठाया। उन्होंने कहा कि शर्मनाक और दुखद बात यह है कि सरकार इस तरह के अपराध करने वालों को समुचित दंड देने के बजाए अपराधियों को बचाने में लगी है।
इसके लिए प्राथमिकी को कमजोर कर धाराएं लगायी गयी हैं तथा सारे साक्ष्य एवं गवाहों को समाप्त करने के प्रयास किये गये हैं। राजद सदस्य ने कहा कि उच्चतम न्यायालय ने भी कहा है कि यह शर्मनाक है कि सरकार दोषियों को बचाने में लगी है। साथ ही उच्चतम न्यायालय ने यह भी कहा है कि बच्चों के साथ कुकर्म होता है और सरकार कहती है कि कुछ नहीं हुआ। यह अमानवीय है।
बाद में भारत की कम्युनिस्ट पार्टी मार्क्सवादी-लेनिनवादी (भाकपा-माले) के महबूब आलम, राजद के आलोक मेहता और भाई वीरेन्द, ने विधानमंडल परिसर में पत्रकारों से बातचीत में कहा कि पश्चिम चंपारण के चिउंटहा की बेनामी गैर मजरुआ जमीन ऐसे लोगों के नाम हैं जिनका कोई अता-पता नहीं है। उस जमीन पर पिछले तीस वर्षों से 343 गरीबों का कब्जा है। पिछले दिनों प्रशासन ने इस मामले को कानून व्यवस्था की बजाये भूमि के मालिकाना हक का मामला माना था लेकिन वर्तमान प्रशासन उस जमीन से गरीबों को बेदखल कर रहा है।
यहां तक कि लोगों ने जो फसलें खेतों में लगा रखी है उसे प्रशासनिक संरक्षण में गुंडे काट रहे हैं। श्री आलम ने कहा कि ऐसा माहौल बनाया जा रहा है ताकि गरीब अपनी जमीन छोड़ दें। आज पूरे चंपारण में करीब तीन हजार एकड़ जमीन से वैसे गरीबों को बेदखल किया जा रहा है, जो वहां वर्षो से रह रहे थे। इसके पीछे प्रशासन,भू माफिया,अपराधी और राजनेता का गठजोड़ है।
भाकपा माले नेता ने कहा कि इसी तरह बेगूसराय के चेरियाबरियारपुर, समस्तीपुर के सिंघिया, गया के बाराचट्टी और दरभंगा के कई इलाकों में सामंती-अपराधी ताकतें गरीबों को जमीन से बेदखल करने के उद्देश्य से हमला कर रही है। उन्होंने कहा कि ऐसा लगता है कि पूरे बिहार से गरीबों को उजाड़ने का सरकार ने अभियान चला रखा है।
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