मद्रास हाई कोर्ट ने तमिलनाडु के मुख्यमंत्री के पलानीस्वामी के खिलाफ सितंबर में दिए गए बयानों को लेकर द्रमुक अध्यक्ष एम के स्टालिन पर दर्ज आपराधिक मानहानि मामले में कार्यवाही पर रोक लगा दी है। न्यायमूर्ति एन आनंद वेंकटेश ने द्रमुक अध्यक्ष की याचिका पर गुरुवार को अंतरिम आदेश जारी किया।
18 सितंबर को सलेम में मुख्यमंत्री के खिलाफ कथित सार्वजनिक भाषण को लेकर आईपीसी की धारा 500 (मानहानि) के तहत दर्ज शिकायत के सिलसिले में चल रही कार्यवाही के विरुद्ध स्टालिन ने याचिका दाखिल की थी। मामला पहले सलेम की अदालत में दाखिल किया गया था और बाद में यहां सांसदों एवं विधायकों के खिलाफ मामलों में सुनवाई करने वाली विशेष अदालत में स्थानांतरित कर दिया गया।
स्टालिन ने दलील दी कि निचली अदालत इस बात का संज्ञान नहीं ले सकी है कि मुख्यमंत्री के खिलाफ लगाए गए आरोप मानहानि वाले नहीं हैं। उन्होंने आरोप लगाया कि उन्हें प्रताड़ित करने के लिए दुर्भावनापूर्ण और राजनीतिक मकसद से शिकायत दाखिल की गयी है। द्रमुक अध्यक्ष ने कहा कि पलानीस्वामी के खिलाफ निजी तौर पर दिया गया बयान मुख्यमंत्री के रूप में उनके पद की गरिमा को नुकसान पहुंचाने वाला नहीं कहा जा सकता।
द्रमुक ने कार्यकर्ताओं से कहा – स्टालिन के पैर मत छुओ, माला पहनाने से बचो
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