जम्मू कश्मीर के राज्यपाल सत्यपाल मलिक ने बुधवार को कहा कि आतंकवादियों को मारने से आतंकवाद का खात्मा नहीं हो सकता है बल्कि उन्हें मुख्य धारा में लाने से इसमें सफलता मिलेगी ।
राज्य में आतंकवाद फैलाने में पाकिस्तान की भूमिका के बारे में बात करते हुये राज्यपाल ने कहा कि पड़ोसी देश जम्मू कश्मीर को परेशान रखना चाहता है लेकिन हाल में हुये नगर निकाय के चुनाव के दौरान उसकी यह मंशा विफल हो गयी है ।
उन्होंने कहा, ‘‘आतंकवादियों को मारने से आतंकवाद का सफाया नहीं हो सकता। इससे आतंकवादी समूहों में लोग शामिल होते रहेंगे। वे पुलिस और सुरक्षा बलों पर हमले करते रहेंगे, और उसके जवाबी कार्रवाई में उन्हें फूल माला नहीं गोलियां ही मिलेंगी और इसमें वह मारे जायेंगे ।’’
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उन्होंने कहा, ‘‘हम नहीं चाहते हैं कि वे मरे। हम चाहते हैं कि वे बंदूक संस्कृति को छोड़ कर मुख्यधारा में वापस लौट आए।’’ बिजली विभाग के एक कार्यक्रम से इतर संवाददाताओं के साथ बातचीत में मलिक ने यह टिप्पणी की।
उन्होंने कहा, ‘‘हमारा लक्ष्य उन्हें मारना नहीं है बल्कि आतंकवाद का उन्मूलन करना है। हम चाहते हैं कि घाटी में लोगों को समझना चाहिए कि आतंकवाद से कुछ भी हासिल नहीं होने वाला है।’’
सुरक्षा बलों पर आतंकी हमले को ‘दुर्भाग्यपूर्ण’ करार देते हुये मलिक ने कहा, ‘‘पुलिस बहादुरी से लड़ रही है और वे स्थिति संभाल लेंगे।’’
कश्मीर में युवाओं के कट्टरपंथ पर उन्होंने कहा, ‘‘जो लोग कट्टरपंथी हैं उन्हें समझना चाहिए कि उन्हें इससे लाभ नहीं मिलेगा। बंदूक उठाने से हम मुद्दे का समाधान नहीं कर सकते। हमें यह बातचीत से सुलझाना चाहिए।’’ उन्होंने कहा कि कश्मीर में मुसीबत पैदा करने में पाकिस्तान की एक ‘बड़ी भूमिका’ है।
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