Saturday, September 1, 2018

दिल्ली : एक साल में कम हो गए डेढ़ लाख वोटर

नई दिल्ली : दिल्ली के चीफ इलेक्टोरल ऑफिसर द्वारा जारी लिस्ट की माने तों पिछले एक साल में राजधानी से करीब डेढ़ लाख वोटर कम हो गए। इनमें से पुरुषों की संख्या करीब एक लाख और महिलाओं की संख्या करीब पचास हजार है। इस दौरान थर्ड जेंडर के वोटरों की संख्या में भी कमी दर्ज की गई है। खास बात यह है कि इस दौरान पुरुषों के मुकाबले महिला वोटरों के औसत में तीन की बढ़ोतरी भी दर्ज की गई है।

दिल्ली के चीफ इलेक्टोरल ऑफिसर ने शनिवार से वर्ष 2019 के लिए वोटर लिस्ट में संसोधन की प्रक्रिया शुरू कर दी है। इसके तहत आगामी एक जनवरी 2019 तक 18 वर्ष की आयु सीमा को पार करने वाले युवाओं के नाम वोटर लिस्ट में जोड़े जाएंगे। इसके लिए आगामी 31 अक्तूबर तक आवेदन किए जा सकते हैं। वहीं इस दौरान वर्तमान लिस्ट से नाम हटाने के लिए भी आवेदन दिए जा सकते हैं। राजनीतिक दलों के बूथ लेवल कार्यकर्ताओं के आपत्तियों के लिए 16 सितंबर से सात अक्तूबर तक का समय तय किया गया है।

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वहीं 27 और 28 सितंबर को स्कूल व कॉलेजों में इसके लिए स्पेशल कैंप आयोजित किए जाएंगे। आपत्तियों का निपटारा 30 नवंबर को किया जाएगा। आगामी तीन जनवरी से पहले लिस्ट का नवीनीकरण कर लिया जाएगा और चार जनवरी को फाइनल लिस्ट जारी कर दी जाएगी।

25 विधानसभा में लिंगानुपात दर राज्य दर के बराबर
इस अवसर पर चीफ इलेक्टोरल ऑफिसर द्वारा जारी आंकड़ों के अनुसार उत्तरी पश्चिमी दिल्ली संसदीय क्षेत्र में वोटरों की संख्या सबसे ज्यादा 22,87,777 हैं, तो वहीं चांदनी चौक में सबसे कम 14,98,257 है। विधानसभा की बात करें तो मटियाला में वोटरों की संख्या सबसे ज्यादा 3,64,141 और दिल्ली कैंट में सबसे कम 1,14,972 है। आंकड़ों के अनुसार दिल्ली में वर्तमान लिंगानुपात दर 868 है। राजधानी के 14 विधानसभाओं में इसकी दर राज्य दर से ज्यादा है, तो 31 विधानसभाओं में राज्य दर से कम है। आंकड़ों की माने तो 25 विधानसभा में लिंगानुपात दर राज्य दर के बराबर है। वहीं तिलक नगर विधानसभा में लिंगानुपात दर सबसे बेहतर 942 है तो वहीं ओखला विधानसभा में यह दर सबसे बुरी स्थिति में केवल 644 प्रति हजार पुरुष है।

मतदान में पीछे नई दिल्ली
आंकड़ों के अनुसार पिछले विधानसभा चुनाव में राज्य में औसतन 69.33 प्रतिशत मतदान हुआ था। इसमें दिल्ली कैंट विधानसभा में सबसे ज्यादा 89.06 प्रतिशत और नई दिल्ली विधानसभा में सबसे कम 44.98 प्रतिशत मतदान हुआ था। इस दौरान 39 विधानसभा में राज्य औसत दर से ज्यादा मतदान हुआ था, जबकि 31 विधानसभाओं में इससे कम मतदान हुआ था।



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