नई दिल्ली : चयन के अजीबोगरीब मानदंडों से त्रस्त भारतीय जिम्नास्ट राकेश पात्रा ने 48वीं कलात्मक विश्व चैम्पियनशिप के ट्रायल में भाग नहीं लिया जबकि दीपा करमाकर भी फिटनेस कारणों से बाहर रही। जिम्नास्ट उस समय हैरान रह गए जब साइ के निर्देशों का उन्हें पता चला कि उन्हें चयन के लिये अपने व्यक्तिगत वर्ग की बजाय आल राउंड रूटीन परफार्म करना होगा।
पात्रा ने कहा कि ट्रायल के एक दिन पहले तक भारत के मुख्य कोच जी एस बावा को इन मानदंडों का पता नहीं था। शनिवार को आई जी स्टेडियम पर कुछ जिम्नास्टों के ट्रायल के अपने वर्ग का ट्रायल देने के बाद इसका ऐलान किया गया। पात्रा ने कहा कि एक दिन पहले मैने जी एस बावा से पूछा लेकिन उन्होंने कहा कि उन्हें कुछ नहीं पता। आज ट्रायल हुए और कुछ जिम्नास्टों के परफार्म करने के बाद इस मानदंड के बारे में बताया गया।
तुर्की में विश्व चैलेंज कप, मेलबर्न विश्व कप और गोल्ड कोस्ट राष्ट्रमंडल खेल में मामूली अंतर से पदक से चुके पात्रा ने कहा कि मैं तोक्यो ओलंपिक के लिये अपने ही वर्ग पर फोकस कर रहा था । यहां चयन दूसरे वर्ग के आधार पर हो रहा है जिसमें पदक की संभावना नहीं है और इसी वजह से मैं ट्रायल में नहीं आ रहा हूं। महिला ट्रायल में प्रणति दास और अरूणा रेड्डी शीर्ष रही जिसमें 16 जिम्नास्टों ने भाग लिया । पुरूष वर्ग में 16 जिम्नास्टों में आदित्य राणा और गौरव कुमार पहले दो स्थानों पर रहे।
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