नई दिल्ली : स्रोत पर कर संग्रह (टीसीएस) करने के लिए ई-वाणिज्य कंपनी को उन सभी राज्यों में पंजीकरण कराना होगा जहां उनके आपूर्तिकर्ता हैं। जबकि विदेशी कंपनियां इस तरह के पंजीकरण के लिए अपनी जगह एक ‘एजेंट’ की नियुक्ति कर सकती हैं। केंद्रीय अप्रत्यक्ष कर एवं सीमाशुल्क विभाग (सीबीआईसी) ने एक अधिसूचना में कहा कि एक अक्तूबर से ई-वाणिज्य कंपनियां अपने आपूर्तिकर्ताओं को भुगतान करने से पहले ही स्रोत पर एक प्रतिशत कर संग्रहण करेंगी।
सीबीआईसी ने स्रोत पर कर संग्रहण के लिए ई-वाणिज्य कंपनियों के लिए दिशानिर्देश जारी किए हैं। बोर्ड ने इससे जुड़े विभिन्न मुद्दों को समझने के लिए 29 संभावित प्रश्नों और उनके उत्तर की एक सूची प्रकाशित की है। इसमें कहा गया है कि टीसीएस के लिए ई-वाणिज्य कंपनियों को अलग से पंजीकरण कराना होगा। भले ही उनके पास पहले से आपूर्तिकर्ता के लिए जीएसटी का पंजीकरण हो या ‘जीएसटी इनवायस नंबर’ हो।
Reliance ने टीसीएस को फिर पीछे छोड़ा
ई-वाणिज्य कंपनी के संचालक को किसी महीने के लिए संग्रह किया हुआ कर महीना खत्म होने के बाद 10 दिन के भीतर अर्थात् अगले महीने की 10 तारीख तक सरकार के पास जमा कराना होगा। सीबीआईसी ने कहा कि घरेलू और विदेशी दोनों तरह की ई-वाणिज्य कंपनियों को टीसीएस के लिए हर राज्य या केंद्र शासित प्रदेश में अपना पंजीकरण कराना होगा।
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