भारत सरकार स्वच्छ भारत अभियान (स्वच्छ भारत अभियान) का खूब जोर शोर से समर्थन कर रही है, फिर भी आप सड़क पर लोगों को दरवाजे खोलकर या खिड़की के फलक को नीचे लाकर एक चलती गाड़ी से सड़कों पर गुटखा या पान मसाला थूकते देख सकते हैं। यूपी, बिहार या दिल्ली-एनसीआर में यह एक बहुत ही आम सा दृश्य है।
इस तथ्य से इनकार नहीं किया जा सकता पर यह एक बहुत ही बुरी आदत है और लोगों को इसे करना बंद कर देना चाहिए क्योंकि यह न केवल जगह को गंदा बनाता है बल्कि जीवन को खतरे में डाल सकता है।
नोएडा एक्सप्रेसवे पर गुरुवार की रात को हुई एक दुर्भाग्यपूर्ण घटना हुई जिसमे चलती गाड़ी की खिड़की से पान थूकना एक व्यक्ति को इतना भारी पड़ा की जान ही गंवानी पड़ गयी। जानकारी के अनुसार मृतक का नाम प्रशांत कसाना है और मूल रूप से ग्रेटर नोएडा के छितरा गांव से थे । वह पेशे से एक संपत्ति डीलर थे जो सेक्टर अल्फा 1 में काम किया करते थे।
पुलिस के अनुसार, वह गुरुवार की रात जेवर से जगुआर गाड़ी से वापस ग्रेटर नोएडा वापस आ रहे थे। प्रत्यक्ष दर्शियों के अनुसार उनकी कार बहुत तेज गति में थी और इसी बीच उन्होंने चलती गाड़ी का शीशा नीचे करके कुछ थूकने का प्रयास किया और इस वजह से कार अनियंत्रित होकर दुर्घटनाग्रस्त हो गयी।
नॉलेज पार्क पुलिस स्टेशन के एसएचओ अरविंद पाठक के अनुसार, प्रशांत कसाना को बेहद गंभीर हालत में कैलाश हॉस्पिटल ले जाया गया और वहां से उन्हें नई दिल्ली के सरिता विहार में अपोलो अस्पताल में भेजा गया।
गंभीर चोटों की वजह से उन्हें वेंटिलेटर पर रखा गया था। डोक्टरों की तमाम कोशिशों के बाद भी उन्हें बचाया ना जा सका और शुक्रवार रात उन्हें मृत घोषित कर दिया गया।
लोगों को इस घटना से सबक लेना चाहिए और ऐसी चीजें करना बंद करना चाहिए जो उनके लिए और अन्य लोगों के जीवन के लिए खतरा साबित हो सकते हैं।
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