Saturday, September 1, 2018

श्यामा प्रसाद मुखर्जी के जीवन से सीख लेने की जरूरत

नई दिल्ली : दिल्ली विवि के श्यामा प्रसाद मुखर्जी कॉलेज ने 31 अगस्त 2018 को अपना 50वां स्थापना दिवस मनाया। इस दौरान कॉलेज में एक समारोह का आयोजन किया गया। जिसमें पूर्व राष्ट्रपति डॉ प्रणब मुखर्जी मुख्य अतिथि और दिल्ली विश्वविद्यालय के वीसी प्रोफेसर योगेश त्यागी विशिष्ट अतिथि के रूप में उपस्थित रहे। कॉलेज की एनसीसी की छात्राओं द्वारा अतिथियों को ‘गार्ड ऑफ ऑनर’ देने के साथ कार्यक्रम की शुरुआत हुई। कॉलेज को स्वर्ण जयंती की बधाई देते हुए पूर्व राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी जी ने इस अवसर को किसी भी संस्थान के जीवन में एक ऐतिहासिक उपलब्धि बताया।

श्यामा प्रसाद मुखर्जी के योगदान की चर्चा करते हुए उन्होंने कहा कि उनका व्यक्तित्व छात्राओं के आचरण में प्रतिबिंबित होना चाहिए। साथ ही उन्होंने आधारभूत शोध और शिक्षा पर जीडीपी का छह प्रतिशत खर्च करने की आवश्यकता पर बल दिया। मुखर्जी ने कहा कि छात्राएं इस बात को याद रखें कि वे समाज से बनी हैं और समाज के प्रति उनका उत्तरदायित्व है। वहीं डीयू के वीसी प्रो.योगेश त्यागी ने कॉलेज के स्वर्णजयंती वर्ष पर छात्रों और स्टाफ को बधाई देते हुए समय की त्रिवेणी की चर्चा की जहां अतीत की उपलब्धियों के साथ ही वर्तमान की चिंता और भविष्य की योजना सम्मिलित है।

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उन्होंने प्रणब जी की शिक्षा संबंधी विशिष्ट सोच का उल्लेख किया। साथ ही शिक्षा को पब्लिक डिस्कोर्स और एजेंडे पर लाने और विश्व संस्थानों में भारतीय संस्थान शामिल हों, इस दिशा में लगातार उनके प्रयत्न की चर्चा की। शिक्षा का आधार विद्यार्थियों को बताते हुए वीसी ने कहा कि उनका बहुमुखी विकास ही शिक्षा का उद्देश्य है। साथ ही उन्होंने छात्राओं को अपने मजबूत कंधों पर देश की अपेक्षाओं को उठाने के लिए प्रेरित किया। कॉलेज की प्राचार्या डॉ. साधना शर्मा ने महाविद्यालय के विकास में श्यामा प्रसाद मुखर्जी की भूमिका को रेखांकित किया। महाविद्यालय के प्रथम दिन से अभी की तुलना करते हुए कॉलेज की प्रगति का उल्लेख किया तथा श्यामा प्रसाद मुखर्जी को स्मरण किया।



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