दिल्ली के लुटियंस जोन में स्थित मशहूर ताज मानसिंह होटल पर टाटा समूह का नियंत्रण बरकरार रहा । नई दिल्ली म्यूनिसिपल काउंसिल (NDMC) की नीलामी में टाटा ग्रुप ने इस होटल को लगभग दोगुना लाइसेंस फीस पर अगले 33 सालों के लिए हासिल किया है। गौरतलब है कि होटल की लीज 2011 में खत्म हो गई थी और इसके बाद से ही नीलामी का इंतजार हो रहा था। एक अधिकारी ने यह जानकारी दी।
नीलामी में टाटा के समक्ष आईटीसी ने कड़ी प्रतिस्पर्धा देते हुये इसमें भाग लिया। नीलामी शुक्रवार को 11 बजे शुरू हुई और शाम चार बजे तक चली। ताज मानसिंह होटल का पट्टा 2011 में समाप्त हो गया था। तब से टाटा समूह अस्थाई तौर पर मिले विस्तार के साथ इस होटल को चला रहा है। कई साल तक इसको लेकर मुकद्दमा भी चलता रहा। नीलामी के बाद अब होटल को एक बार फिर कंपनी को 33 साल के पट्टे पर दिया जाएगा। इसके लिए लाइसेंस शुल्क दोगुना हो जाएगा।
एनडीएमसी के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा, ‘टाटा समूह की इंडियन होटल्स कंपनी लिमिटेड (आईएचसीएल) ने जीएसटी समेत 7.03 करोड़ रुपये की मासिक लाइसेंस फीस और होटल से होने वाली सकल आय के 32.50 प्रतिशत की शर्त पर होटल का नियंत्रण बरकरार रखा है। इससे पहले कंपनी लाइसेंस शुल्क के तौर पर प्रति माह 3.94 करोड़ रुपये का भुगतान कर रही थी।’
एनडीएमसी पिछले दो प्रयासों में इस आलीशान होटल की नीलामी करने में असफल रही थी। पिछले महीने बोली लगाने की पात्रता में ढील दी गई। उसने न्यूनतम बोलियों की संख्या में भी कमी की। ताज मानसिंह होटल 1978 में टाटा समूह को 33 साल के पट्टे पर दिया गया था। यह 2011 में समाप्त हो जाने के बाद कंपनी को नौ बार विस्तार दिया गया। एनडीएमसी और कंपनी के बीच जारी कानूनी मुकदमे की वजह से इस होटल की नीलामी टलती जा रही थी।
आईएचसीएल के प्रबंध निदेशक व मुख्य कार्यकारी अधिकारी पुनीत चटवाल ने कहा, ‘हम इस बात से उत्साहित हैं कि राष्ट्रीय राजधानी के सांस्कृतिक व ऐतिहासिक संरचना का महत्वपूर्ण हिस्सा रहा ताजमहल आईएचसीएल परिवार का हिस्सा बना रहा।’ उन्होंने कहा, ‘हम अपने उपभोक्ताओं को उनके समर्थन के लिए और अपने कर्मचारियों का पिछले 40 साल से अतिथियों की बेहतर सेवा करने के लिए धन्यवाद कहना चाहते हैं। हम होटल में निवेश करने और इसे भारतीय आतिथ्य की नई ऊंचाइयों पर पहुंचाने के लिए तैयार हैं।’
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