त्रिपुरा के मुख्यमंत्री बिप्लब कुमार देब ने आज कहा कि राज्य में राष्ट्रीय नागरिक रजिस्टर की तरह किसी भी प्रकार के नागरिक रजिस्टर की कोई मांग नहीं की जा रही है। उन्होंने कहा कि असम में भी यह संवेदनशील नहीं है। असम में एनआरसी का अंतिम मसौदा कल प्रकाशित किया गया था, जिसमें राज्य के 3.29 करोड़ आवेदनकर्ताओं में से 2.89 करोड़ के ही नाम हैं। इस प्रकार करीब 40.07 लाख लोगों को इस ऐतिहासिक दस्तावेज में स्थान नहीं मिला है। इस सूची को असमी पहचान से जोड़ कर देखा जा रहा है।
राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के प्रमुख मोहन भागवत से मिलने नागपुर आए देब ने कहा कि त्रिपुरा में एनआरसी की कोई मांग नहीं की जा रही है। बीजेपी नेता ने संवाददाताओं से यहां कहा, “त्रिपुरा में सबकुछ दुरूस्त है और सभी के पास वैध दस्तावेज हैं। इसलिए हमारे लिए यह मुद्दा नहीं है।” देब ने आरोप लगाया कि ‘विदेशी मानसिकता’ के कुछ लोग माहौल को बिगाड़ना चाहते हैं। इसी बीच देब ने आरएसएस मुख्यालय में भागवत से एक घंटे तक बातचीत की।
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