जींद : आरक्षण, जेलों में बंद समाज के युवाओं की रिहाई और आंदोलन के दौरान मरने वालों के आश्रितों को पक्की सरकारी नौकरी के लिए हरियाणा के जाट भले ही अलग-अलग चल रहे हो, किंतु दोनों गुटों ने भाजपा सरकार की नाक में दम करने का ऐलान कर दिया है। यह ऐलान सोमवार को जींद की धरा से किया गया। अखिल भारतीय जाट आरक्षण संघर्ष समिति के राष्ट्रीय अध्यक्ष यशपाल मलिक ने जींद की नई अनाज मंडी में कड़े तेवर दिखाएं तो दूसरी ओर लघुसचिवालय के बाहर अखिल भारतीय जाट आरक्षण समिति अध्यक्ष मंडल हरियाणा से जुड़े चौधरियों ने गर्जना भरी। नई अनाज मंडी में भाईचारा सम्मेलन को संबोधित करते हुए यशपाल मलिक ने कहा कि अगर भाजपा ने जाटों, मराठों और पटेलों को आरक्षण नहीं दिया तो वह 40 वर्षों के लिए सत्ता से बाहर हो जाएगी।
इसलिए भाजपा आने वाले समय में अपना भला-बूरा भांपकर ही निर्णय लें कि आरक्षण देना है यहा फिर 40 साल के लिए सत्ता से हाथ धोना है। इस मौके पर समिति के प्रदेश प्रभारी अशोक बल्हारा, जिला प्रधान कैप्टन भूपेन्द्र सिंह जागलान, रणधीर सिंह चहल, विजेन्द्र सिवाच, रामकरण दलाल,सत्यवान ईक्कस, नरेन्द्र सिंह दलाल, धर्मबीर मलिक, बलवंत मोर, सुनीता मान, राजकली रोहतक, कमला जुलानी समेत अनेकों चौधरियों और चौधराइनों ने अपने सम्बोधन में हुंकार भरी। पूर्व में होने वाले सम्मेलनों की अपेक्षा इस सम्मेलन में मलिक समर्थकों की संख्या कम नजर आई, जिसे आयोजकों ने मुख्य लोगों का ही सम्मेलन बताने का काम किया। यशपाल मलिक ने प्र्रदेश के वित्तमंत्री कैप्टन अभिमन्यु पर बड़ा हमला बोलते हुए कहा कि जिस समाज की वोटों से आज वे मंत्री बने हुए है, उन्हीं को सीबीआई के मार्फत जेल भिजवाने की चाल चल रहे हैं।
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हाल ही में हरियाणा के वित्त मंत्री कैप्टन अभिमन्यु द्वारा दिए गए बयान पर पलटवार करते हुए यशपाल मलिक ने कहा कि कैप्टन के माता-पिता तो शेर है लेकिन खुद अभिमन्यु चूहे की तरह बिल में घुसे हुए हैं। वित्तमंत्री सत्ता का दुरुपयोग करके जाट नेताओं पर झूठे मुकदमे दर्ज करा रहे हैं जबकि हिंसा फैलाने वालों में भाजपा के ही बड़े नेता शामिल थे। उन्होंने आरोपों के घेरे में लेते हुए कहा कि खुद कैप्टन अभिमन्यु, ओपी धनखड़ और उनके मौसा आजाद पंवार, भाजपा प्रदेशाध्यक्ष सुभाष बराला, मनीष ग्रोवर ने सरकार के इशारे पर हिंसा फैलाने का काम किया। सुभाष बराला के इशारे पर ही सूबे सिंह समैण ने जाटों के आंदोलन को भटकाने का प्रयास किया था। किंतु जाट समाज अपना हक लेकर रहेगा। मलिक ने कहा कि यदि वित्त मंत्री में मादा है तो वे अपना रूख स्पष्ट करें। उन्होंने कहा कि जाट समाज वित्तमंत्री से उनका 5 साल का हिसाब-किताब जरूर लेगा।
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उन्होंने कहा कि 12 अगस्त को रोहतक जिले के जसिया गांव में निर्णायक रणनीति का ऐलान किया जाएगा और फिर 16 अगस्त से आंदोलन का आगाज होगा। यह आंदोलन ना केवल हरियाणा बल्कि यूपी, उत्तराखंड, पंजाब समेत अनेकों राज्यों में चलेगा। क्योंकि जाटों के साथ-साथ मराठा और पटेल अपना हक मांगने के लिए मैदान में कूद पड़े है। मलिक ने कहा कि प्रदेश के मुख्यमंत्री अपना स्टैंड नहीं ले पा रहे है। इसलिए उनसे उम्मीद करना बेमानी है। जाट समाज पिछले 12 वर्षो से आरक्षण की लड़ाई लड़ रहा है और यह आंदोलन तब तक चलेगा जब तक उनकी मांगे पूरी नहीं हो जाती। एक सवाल के जवाब में उन्होंने कहा कि प्रदीप बल्हारा के साथ-साथ अब उनका नाम भी सीबीआई घेरे में लेने की सोच रही है। किंतु जाट समाज अब पीछे हटने वाला नहीं है। उनका काम हक के लिए लड़ाई लडऩा है और वे लड़ते रहेगें।
– संजय शर्मा
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