राजद नेता तेजस्वी यादव ने सोमवार को रेल मंत्री पीयूष गोयल को पत्र लिख कर कंप्यूटर आधारित रेल परीक्षा पर पुनर्विचार करने और बिहार के गरीब अभ्यर्थियों को उनके गृह जिला के नजदीक परीक्षा केन्द्र देने की मांग की। राजद नेता का आरोप है कि परीक्षा केन्द्र दूर होने पर अभ्यर्थियों को मानसिक और शारीरिक परेशानी से गुजरना पड़ता है।
तेजस्वी ने अपने पत्र में आरोप लगाया है कि नौ अगस्त को होने वाली परीक्षा के लिए अपने परीक्षा केन्द्र पर जाने में अभ्यर्थियों को 1,500 किलोमीटर से अधिक की दूरी तय करनी पड़ेगी। उन्होंने कहा कि इनमें से अधिकांश बच्चे गरीब परिवारों से ताल्लुक रखते हैं और केवल रेल टिकटों में ही एक-एक परीक्षार्थियों को करीब दो से तीन हजार रुपया खर्च करना पड़ेगा।
तेजस्वी ने कहा, “इतनी दूरी तय करने के बाद क्या अभ्यर्थी परीक्षा देने की स्थिति में होंगे? इसके अलावा भारतीय रेल हमेशा लेटलतीफ मानी जाती है। ऐसे में अभ्यर्थियों को दो दिन पहले अपने परीक्षा केन्द्रों पर पहुंचना पड़ेगा। तब उन्हें रूकने के लिए जगह तलाशनी होगी।”
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उन्होंने कहा, “कुछ मामलों में सप्ताह में केवल एक दिन ट्रेन होने के मामले में अभ्यर्थियों को अपने गंतव्य पर एक सप्ताह पहले पहुंचना पड़ेगा। ऐसे मामलों में महिला अभ्यर्थी परीक्षा में लगभग नहीं ही बैठ पाएंगी।” उन्होंने पीयूष गोयल से अभ्यर्थियों को होने वाले इस तरह की परेशानी को लेकर सवाल उठाया।
तेजस्वी ने मंत्री से परीक्षा प्रक्रिया पर पुनर्विचार करने और अभ्यर्थियों को घर के करीब परीक्षा केंद्र देने का अनुरोध किया। इससे पहले कल रेलवे ने एक स्पष्टीकरण जारी किया जिसमें बताया गया कि लोको पायलट और तकनीशियनों के लिए नौ अगस्त को परीक्षा में शामिल होने वाले 71 प्रतिशत अभ्यर्थियों को उनके गृह शहरों के 200 किलोमीटर के भीतर ही परीक्षा केन्द्र आवंटित किया गया है।
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