सुप्रीम कोर्ट पूर्व आईपीएस अधिकारी संजीव भट्ट के बंगले को तोड़ने पर रोक लगाने से इनकार करते हुए आज अहमदाबाद म्यूनिसिपल कॉर्पोरेशन (AMC) ने एक्सशन लिया। संजीव भट्ट अहमदाबाद नगर निगम के उस आदेश के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट गए थे जिसके तहत उनके घर के एक हिस्से को गिराया जाना था। कोर्ट ने इस आदेश पर रोक लगाने से इनकार कर दिया जिसके बाद उनके घर के हिस्से को तोड़ने की कार्रवाई शुरू कर दी गई है। संजीव भट्ट की अवैध निर्माण की ये कानूनी लड़ाई काफी लंबी रही। संजीव भट्ट के खिलाफ अवैध निर्माण को लेकर उनके पड़ोसी जयंत पटेल ने ही पहले हाईकोर्ट और सुप्रीम कोर्ट तक याचिका दायर की थी।
संजीव भट्ट के खिलाफ याचिका करने वाले जयंत पटेल ने बताया कि हमारे अहाते की एक ही दीवार है। हालांकि यह साझा दीवार नहीं है क्योंकि हमने अपनी जमीन पर इसे बनाया है। भट्ट ने जब इस दीवार का इस्तेमाल करते हुए ऊपरी मंजिलें बनानी शुरू की और कोई जगह नहीं छोड़ी, तो हमने आपत्ति दर्ज कराई। हालांकि उन्होंने तब हमें कहा था कि जो कुछ संभव होगा, वह करेंगे। जंयत पटेल का कहना है कि 2012 में गुजरात हाईकोर्ट ने दो बार फैसला दिया लेकिन संजीव भट्ट उस फैसले के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में गए। अब सुप्रीम कोर्ट ने भी इसे तोड़ने का फैसला दिया है।
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