दिल्ली की एक अदालत ने एयरसेल-मैक्सिस मामले में कथित अनियमितताओं और आपराधिक षडयंत्र के लिए पूर्व केंद्रीय मंत्री पी चिदंबरम और उनके बेटे कार्ति चिदंबरम के खिलाफ एक मामले में कुछ आरोपियों पर मुकदमा चलाने के लिए सक्षम प्राधिकार से मंजूरी हासिल करने के वास्ते आज सीबीआई को दो महीने का समय दिया। सीबीआई ने इस मामले में 19 जुलाई को कांग्रेस नेता, उनके बेटे कार्ति और सरकारी अधिकारियों तथा छह कंपनियों समेत दस के खिलाफ आरोपपत्र दायर किया था।
सीबीआई की ओर से पेश हुई वरिष्ठ अधिवक्ता सोनिया माथुर ने अदालत को बताया कि इस संबंध में मंजूरी का इंतजार है। इसके बाद विशेष सीबीआई न्यायाधीश ओ पी सैनी ने एजेंसी को दो महीने का समय दे दिया। अदालत ने कहा, ‘‘मामले की सुनवाई एक अक्तूबर तक स्थगित की जाती है।’’ माथुर ने अदालत को बताया कि केंद्रीय जांच ब्यूरो को अधिकारियों के खिलाफ मुकदमा चलाने के लिए सक्षम प्राधिकार से करीब चार सप्ताह में मंजूरी मिलने की उम्मीद है।
सीबीआई इस बात की जांच कर रही है कि वर्ष 2006 में वित्त मंत्री ने एक विदेशी कंपनी को कैसे विदेशी निवेश संवर्धन बोर्ड (एफआईपीबी) की मंजूरी दे दी जबकि इस संबंध में अनुमति देने का अधिकार सिर्फ आर्थिक मामलों की मंत्रिमंडलीय समिति के पास है। सीबीआई की 3,500 करोड़ रुपये के एयरसेल-मैक्सिस सौदे और 305 करोड़ रुपये के आईएनएक्स मीडिया मामले की जांच में भी वरिष्ठ कांग्रेस नेता का नाम सामने आया है।
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