बहुत बार स्टूडेंट्स में एग्जाम का दबाव डिप्रेशन का रूप ले लेता है। वहीं देश में हर साल आत्महत्या करने वालें कई सारे छात्रों के मामले आते हैं जो परीक्षा में अच्छे नंबर नहीं ला पाते हैं। ये मामला एक हद तक इतना ज्यादा गंभीर हो चुका है कि देश के प्रधानमंत्री को रेडियो के जरिए भी इस ओर संबोधित करना पड़ता है। लेकिन हाल ही में जो तेलंगाना में हुआ है वो ना केवल गैर जिम्मेदाराना है बल्कि बहुत बड़ी बेवकूफी भी है।
बता दें कि 8 अप्रैल को तेलंगाना में बारहवीं के नतीजे आने के बाद से ही हर जगह तहलका मचा हुआ है। छात्रों की खुदकुशी का आंकड़ा थमने का नाम नहीं ले रहा है। अभी तक नतीजों में फेल होन या फिर एग्जाम में अच्छा प्रदर्शन नहीं करने की वजह से तकरीबन 21 बच्चे मौत की चपेट में आ चुके हैं। हालांकि इस बात की पुष्टि नहीं हो सकी है।
री-चेक के लिए भेजी गई है कॉपी
ये पूरा मामला तेलंगाना इंटरमीडिएट एग्जाम से जुड़ा हुआ है। 12वीं की एक छात्रा जिसका नाम नव्या है उसे एग्जाम में एक 0 अंक मिले हैं। वो काफी ज्यादा उदास हो गई है। लेकिन नव्या को खुद के किए हुए पेपर पर पूरा यकीन था। लिहाजा इसी वजह से लिखी हुई कॉपी को री-चेक के लिए पहुंचाया। अब जब कॉपी की फिर से जांच की गई तो नव्या को पूरे 99 नंबर मिले हैं।
दो टीचर को किया सस्पेंड
इस घटना पर तेलंगाना बोर्ड ने तुरंत फैसला करते हुए और कॉपी जांच करने वाली टीचर उमा देवी को निलंबित कर दिया है। इसके साथ ही उमा देवी पर 5000 रुपए का जुर्माना भी लगाया गया है। बोर्ड ने इसके साथ ही विजय कुमार नाम के टीचर को भी निलंबित कर दिया है। क्योंकि कॉपी की जांच होने के बाद स्क्रूटनी की जिम्मेदारी विजय कुमार की ही थी।
from Punjab Kesari (पंजाब केसरी) http://bit.ly/2XXotZl
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