पुणे : पहले पाकिस्तान से आकर यहां पिम्परी चिंचवाड को अपना घर बनाने वाले सिंधी समुदाय के करीब 25 लोगों को भारतीय नागरिकता मिलने के कुछ सप्ताह बाद जश्न मनाने का एक और कारण मिला, जब उन्होंने सोमवार को पहली बार मताधिकार का प्रयोग किया। पहली बार मताधिकार का प्रयोग करने वाले लोग शहर के सिंधी समुदाय के उन 45 लोगों में से हैं जिन्हें पिछले महीने की शुरुआत में भारत की स्थायी नागरिकता मिली थी।
इन मतदाताओं में से एक राजेंद्र ठाकुर ने कहा, ‘‘मैं पिछले 37 साल से पिम्परी चिंचवाड में रह रहा हूं। इन वर्षों में राजनीति पर चर्चा करने के अलावा मैं मतदान जैसी किसी लोकतांत्रिक प्रक्रिया में हिस्सा नहीं ले सकता था। उन्होंने कहा, ‘‘लेकिन आज पहली बार, मैंने मतदान किया।’’ ठाकरे ने कहा, ‘‘मैं 15 साल की आयु में 1982 में अपनी बहन के साथ भारत आया था क्योंकि कराची में हालात ठीक नहीं थे।’’
उन्होंने कहा, ‘‘जब हमें मार्च में भारतीय नागरिकता प्रमाण पत्र मिले तो हमें ऐसा लगा कि मानो हमने लंबे समय से चली आ रही एक लड़ाई जीत ली है और वोट डालने के बाद मैं अपनी खुशी शब्दों में व्यक्त नहीं कर सकता।’’ जिला कलेक्टर नवल किशोर राम ने कहा कि इन लोगों के प्रार्थना पत्र उनके सामने लंबित थे और उन्होंने सभी को एक साथ नागरिकता प्रमाण पत्र जारी किए। इसके साथ उनके मतदाता पंजीकरण पत्र भी भरे गए।
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