दिल्ली की एक अदालत ने मंगलवार को दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल और तीन अन्य को बीजेपी नेता राजीव बब्बर द्वारा दायर मानहानि याचिका में व्यक्तिगत पेशी से छूट दे दी। हालांकि, एडिशनल चीफ मेट्रोपॉलिटन मजिस्ट्रेट समर विशाल ने केजरीवाल, राज्यसभा सदस्य सुशील कुमार गुप्ता, विधायक मनोज कुमार और आम आदमी पार्टी (आप) प्रवक्ता आतिशी मार्लेना को अगली सुनवाई के लिए सात जून को अदालत में पेश होने का आदेश दिया है।
अदालत ने 15 मार्च को केजरीवाल और अन्य को 30 अप्रैल को पेश होने के लिए समन जारी किया था। वकील मोहम्मद इरशाद ने अदालत से इन सभी नेताओं को छूट देने का अनुरोध किया था क्योंकि वे दिल्ली और हरियाणा में राजनीतिक कार्यक्रमों में व्यस्त हैं। अदालत बब्बर द्वारा दायर की गई याचिका पर सुनवाई कर रही थी जिसमें उन्होंने केजरीवाल व अन्य के खिलाफ बीजेपी की प्रतिष्ठा को धूमिल करने के आरोप में कानूनी कार्रवाई करने की मांग की थी।
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याचिका में कहा गया कि केजरीवाल व अन्य ने बीजेपी पर दिल्ली में मतदाता सूची से मतदाताओं के नाम हटाने का आरोप लगाकर पार्टी की प्रतिष्ठा धूमिल की है। बब्बर ने कहा, ‘सभी आरोपियों ने बनिया, पूर्वांचलियों, मुसलमानों जैसे समाज के कुछ वर्गों के मतदाताओं के संबंध में बीजेपी की एक नकारात्मक छवि को चित्रित करने के एकमात्र उद्देश्य के साथ जानबूझकर बीजेपी के खिलाफ आरोप लगाए।
इससे शिकायतकर्ता की प्रतिष्ठा को अपूरणीय क्षति पहुंची है।’ बब्बर ने आरोप लगाया कि केजरीवाल ने न सिर्फ बीजेपी को बल्कि इससे जुड़े सभी लोगों को भी बदनाम किया।
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