अहमदाबाद : भारतीय स्टेट बैंक (एसबीआई) ने सोमवार को प्रशांत और रवि रुईया के खिलाफ अहमदाबाद में ऋण वसूली न्यायाधिकरण (डीआरटी) के पास वसूली का मुकदमा दायर किया। एस्सार स्टील पर कर्जदाताओं का 63,000 करोड़ रुपये से अधिक का बकाया है, जिसमें बाकी ब्याज और जुर्माना शामिल है। कर्जदाताओं का अगुवा एसबीआई है। आर्सेलर मित्तल की 42,000 करोड़ रुपये की आईबीसी समाधान योजना के अनुसार, एसबीआई को उसके बकाये का सिर्फ एक हिस्सा मिलेगा और कर्जदाताओं का 20,000 करोड़ रुपये बकाया बना रहेगा, जिसमें मूलधन, बकाया ब्याज और जुर्माना है।
एसबीआई ने डीआरटी में वसूली की कार्यवाही के माध्यम से एस्सार स्टील के पास अपने बकाये की वसूली के लिए रुईया की वैश्विक संपत्ति अटैच करने की मांग की है। एस्सार के प्रवक्ता से संपर्क करने पर उन्होंने कहा कि एस्सार स्टील के समाधान से जुड़े पेशेवर ने सिक्योर्ड क्रेडिटर्स के कुल 45,000 करोड़ रुपये के बकाये की बात स्वीकार की है। एस्सार स्टील एशिया होल्डिंग्स लिमिटेड ने पहले ही सिक्योर्ड क्रेडिटर्स को इस बकाये का पूरा भुगतान करने की पेशकश की है और आर्सेलर मित्तल योजना में 42,000 करोड़ रुपये दिए गए हैं।
एसबीआई को प्रमोटर्स प्रशांत रुईया और रवि रुईया की निजी वैश्विक संपत्ति अटैच किए जाने से उनसे शेष बकाये की वसूली होने की उम्मीद है। एस्सार के एक अन्य अधिकारी ने नाम नहीं बताने की शर्त पर कहा कि ईएसआईएल के सिक्योर्ड फाइनेंशियल क्रेडिटर्स के स्वीकृत दावे की रकम 45,000 करोड़ रुपये है। उन्होंने कहा कि निजी गारंटी प्राप्त ऋण (करीब 11,000 करोड़ रुपये) के सिर्फ एक हिस्से के लिए बढ़ाई गई थी, ताकि स्वीकृत समाधान योजना से अधिक की वसूली को ध्यान में रखते हुए किसी प्रकार की कमी न हो और गारंटी खतरे में न पड़े।
एसबीआई ने करीब छह-आठ महीने पहले प्रशांत और रवि रुईया की निजी गांरटी की मांग की थी और अब बैंक ने अहमदाबाद स्थित डीआरटी में मुकदमा दायर किया है। डीआरटी का आदेश आने पर प्रशांत और रवि रुईया की भारत और विदेश स्थित सारी निजी संपत्ति अटैच की जा सकती है।
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